Uttarakhand : बाढ़ और भूस्खलन से 179 सड़कें बंद, 323 गांवों का कटा संपर्क

वर्षा के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में जनजीवन पटरी से उतर गया है। इसके चलते चारधाम यात्रा मार्ग पर तीर्थ यात्रियों के साथ गंगाजल भरने जाने वाले कांवड़ियों को भी दिक्कत हो रही है। बदरीनाथ हाईवे तोताघाटी और कौड़ियाला में 14 घंटे बाद खोला जा सका। इसके अलावा बुधवार शाम को टिहरी जिले के मुल्यागांव, छिनका और रुद्रप्रयाग जिले में सिरोबगड़ व चमोली जिले में कचनगंगा, टंगड़ी पातालगगंगा, छिनका, पीपलकोटी, पागलनाला में मलबा आने से बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध हो गया है। इसके चमोली जिले में विभिन्न स्थानों पर 3000 तीर्थयात्रियों को रेाका गया है। इसके अलावा पातालगंगा में पहाड़ी से लगातार भारी पत्थर गिर रहे हैं।

उधर, गंगोत्री हाईवे पर सुनगर और गंगानाली में लगभग 2000 कांवड़िये फंस गए हैं। साथ ही धराली के पास खीरगंगा के उफान में भी 400 कांवड़ यात्री फंसे हैं। जबकि, यमुनोत्री हाईवे झंझर गाड के पास, सिलक्यारा, कुथनौर और रानाचट्टी के पास भी अवरुद्ध है। इसके अलावा गढ़वाल क्षेत्र में पांच हाईवे, चार राज्यमार्ग और 170 संपर्क मार्ग समेत 179 सड़कें अवरुद्ध हैं। साथ ही 323 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

तीन मकान बहे, अन्यत्र गांव बसाने की मांग

भारी वर्षा के चलते वीरोंखाल प्रखंड के अंतर्गत कुणजोली गांव में तीन ग्रामीणों के मकान भूकटाव की चपेट में आ गए, जबकि सात ग्रामीणों के भवन खतरे की जद में हैं। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से ग्रामीणों को विस्थापित करने की मांग की है। पूर्व प्रधानाचार्य वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि इन दिनों भारी वर्षा के कारण पंचराड नदी उफान पर है। कुणजोली गांव भी पंचराड नदी के किनारे बसा है। नदी से हुए भूकटाव से जयपाल सिंह, भगत सिंह व कुलदीप के मकान जमींदोज हो गए हैं। उधर, पौड़ी-थलीसैंण-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कैन्यूर के समीप बाधित है। सहायक अभियंता गिरधर टम्टा ने बताया कि अगले तीन दिनों में राजमार्ग को बड़े वाहनों के लिए भी खोल दिया जाएगा।

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