
गाजा के अल शिफा अस्पताल पर बीते दिनों हुए हमले में 22 लोगों की मौत हो गई थी। इस्राइली सेना ने अस्पताल को खाली करने का आदेश दिया है लेकिन अभी भी वहां पर सैंकड़ों लोग फंसे हुए हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अगर अस्पताल के जेनरेटर के लिए जल्द ही ईंधन का इंतजाम नहीं हुआ तो इलाज की कमी से कई लोग मारे जा सकते हैं, जिनमें कई नवजात बच्चे भी शामिल हैं। अब अमेरिका ने भी अस्पताल पर हमले का विरोध किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अपील की है कि मुझे उम्मीद है कि अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। बाइडन ने कहा कि अस्पतालों की सुरक्षा होनी चाहिए।
एक मेडिकल चैरिटी संगठन डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स के एक सर्जन ने बताया कि गाजा के अल शिफा अस्पताल में सैंकड़ों लोग फंसे हुए हैं और अमानवीय हालात में रहने को मजबूर हैं। इस्राइल का आरोप है कि हमास के आतंकियों ने अल शिफा अस्पताल में अपने ठिकाने बनाए हुए हैं। वहीं हमास इन आरोपों से इनकार करता है। संयुक्त राष्ट्र ने भी अल शिफा अस्पताल पर हमले की कड़ी निंदा की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अल शिफा अस्पताल में करीब 2300 मरीज, स्वास्थ्य कर्मी और शरणार्थी रह रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने भी अस्पताल में लड़ाई का विरोध किया और कहा कि हम मरीजों को सुरक्षित देखना चाहते हैं। सुलीवन ने गाजा पट्टी में लंबे युद्धविराम की भी अपील की ताकि गाजा में फंसे लोगों की मदद की जा सके।