
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई करने के ट्रंप के अनुरोध को खारिज कर दिया है। दरअसल, पिछले दिनों निचली अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अयोग्य करार दिया था। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए ट्रंप ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और आग्रह किया कि मामले की जल्द सुनवाई की जाए, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया।
मामले में ट्रंप का तर्क है कि कोर्ट को मामले को खारिज कर देना चाहिए और कहना चाहिए कि पूर्व राष्ट्रपतियों को उनके आधिकारिक जिम्मेदारियों से संबंधित मामलों के लिए आपराधिक आरोपों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोलोराडो कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के पास समय है। वह चार जनवरी तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। रिपब्लिकन नेता और ट्रंप के सहयोगी माइक जॉनसन ने हाल ही में कहा था कि यह फैसला पक्षपातपूर्ण है। हमें भरोसा है कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को रद्द कर देगा। अमेरिकी लोग ही अगले राष्ट्रपति का फैसला करेंगे। वहीं, रिपब्लिकन उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने कोर्ट के फैसले को चुनावी हस्तक्षेप माना है।
साल 2021 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को हार का सामना करना पड़ा था। चुनाव नतीजों के बाद ट्रंप के समर्थकों ने 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटल (अमेरिकी संसद) पर धावा बोल दिया था। बड़ी संख्या ट्रंप के समर्थक संसद भवन के ऊपर और अंदर घुस आए थे। इस दौरान ट्रंप के समर्थकों ने हिंसा और तोड़फोड़ की थी, जिसमें पांच लोग मारे गए। बाद में ट्रंप पर समर्थकों को संसद की तरफ बढ़ने और हिंसा के लिए उकसाने के आरोप लगे थे। बता दें कि अमेरिकी न्याय प्रणाली के अनुसार राज्यों के स्तर पर सबसे बड़ी अदालत को भी सुप्रीम कोर्ट कहा जाता है। भारतीय संदर्भ में इसे हाईकोर्ट समझा जा सकता है। देश में एक सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय स्तर पर भी है।