
पाकिस्तान की राजनीति में खींचतान जारी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच खान ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। खान ने तोशाखाना मामले में अपनी सजा रद्द करवाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमारन खान को तीन साल की जेल और एक लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगाया है। न्यायाधीश ने तोशाखाना मामले में भ्रष्टाचार का दोषी पाया था। साथ ही कोर्ट ने खान को पांच वर्ष के लिए किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ वकील सरदार लतीफ खोसा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। खान की कानूनी टीम ने 23 दिसंबर को भी सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार में अपील की थी, जिसे कार्यालय ने वापस कर दिया था। इसके बाद दोबारा टीम ने दफ्तर में अपील प्रस्तुत की। बता दें, कोर्ट के आदेश के कारण खान अब चुनाव नहीं लड़ सकते।
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।
कहानी इमरान के प्रधानमंत्री रहते हुए शुरू हुई थी। 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन गिफ्ट्स को तोशखाने से खरीदा था और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमा लिया। इन गिफ्टस में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां भी थीं।