
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें किसी मुकदमे में दोषी ठहराया गया है। विशेषज्ञों की मानें तो वह इस मुकदमे में पूरी तरह राहत पा सकते थे, शायद केस भी जीत सकते थे। लेकिन उन्होंने और उनके वकीलों ने मुकदमे के दौरान छह गलतियों से कोई परहेज तक नहीं किया।
ट्रंप ने जज का अनादर किया। उनकी टीम ने बार-बार जज को नाराज करने की गलती की। उन्होंने 10 बार अदालत की अवमानना की। इसके लिए वह लगभग जेल जाते-जाते बचे थे। उनके वकीलों ने कई तुच्छ और दोहरे प्रस्ताव पेश किए। इससे उनके केस और खुद की प्रतिष्ठा को कोई फायदा नहीं पहुंचा। जाहिर है कि मुवक्किल (ट्रंप) ने ही इस पर जोर दिया होगा।
ट्रंप अपने मुकदमे में अधिकांश वक्त में झपकी लेते दिखे। ज्यूरी सदस्यों को उनके कभी-कभी सोने से परेशानी नहीं थी। लेकिन कोर्ट रूम में मॉनिटर पर (जिस पर ट्रंप को सामने से दिखाया गया) उनकी आंखें हर दिन और गवाही के बड़े हिस्से में बंद दिखी थीं।
बचाव पक्ष किसी भी गवाह को न बुलाए जाने का विकल्प चुन सकता था। इसके बजाय बचाव पक्ष ने मुकदमे में अब तक के सबसे खराब और कम विश्वसनीय गवाह गुंडे रॉबर्ट कॉस्टेलो को बुलाया।