बिहार में एक ही दिन में गिरे 5 पुल, कई गाँवों का संपर्क टूटा

बिहार में पुलों का गिरना लगातार जारी है. राज्य में बुधवार को भी कम से कम 5 पुल गिर गए हैं. इनमें से सिवान ज़िले में छाड़ी नदी पर बने दो पुल शामिल हैं.

इसी नदी पर एक पुल तक जाने वाली सड़क बारिश में बह गई है. इससे फ़िलहाल यह पुल भी इस्तेमाल के लायक नहीं रह गया है.

बुधवार को ही राज्य के सारण ज़िले में गंडकी नदी पर बने दो नदी पुल गिर गए हैं. इन पुलों के गिरने से बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं.

सिवान के ज़िलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बीबीसी को बताया है कि ‘छाड़ी’ एक मृत नदी थी यानी उसमें पानी नहीं था लेकिन ‘जल जीवन हरियाली’ मिशन के तहत इस नदी को जीवित किया गया है, इससे इलाक़े में हज़ारों एकड़ में फ़ैले खेतों की सिंचाई संभव हो पाई है.

उनके मुताबिक़, “यह मृत नदी थी इसलिए इस पर बने पुल भी 40-45 साल पुराने हैं, जो ईंट की नींव पर बने हैं. ये बहुत मज़बूत नहीं होते हैं. पिछले 24 घंटे में हुई भारी बारिश की वजह से नदी में 5 फुट तक पानी बह रहा है और मिट्टी के कटाव की वजह से पुल गिरे हैं.”

हालाँकि मुकुल कुमार ने दावा किया है कि इलाक़े में वैकल्पिक रास्ता होने से लोगों को ज़्यादा परेशानी नहीं होगी और राज्य सरकार ने पहले से तय कर रखा है कि जो भी पुराने पुल हैं, उनका फिर से निर्माण कराया जाएगा.

सिवान के ही पड़ोसी ज़िले सारण के जनता बाज़ार थाना इलाक़े के सारण नाम के गाँव में भी बुधवार को दो पुल गिर गए.

“यहाँ पहले भारी बारिश के बाद बुधवार को बाबा ढोलनाथ मंदिर के पास साल 2004 में बना एक पुल गिरा और इसी नदी पर क़रीब सात सौ मीटर की दूरी पर बना दूसरा पुल भी गिर गया.”

स्थानीय लोगों का कहना है कि दूसरा पुल काफ़ी पुराना था और यह अंग्रेज़ों के ज़माने में बनाया गया था.

उन्होंने बताया है कि जिस जगह पर ये पुल गिरे हैं वहाँ से नदी पार करने के बाद क़रीब 2 किलोमीटर की दूरी पर सिवान ज़िला शुरू हो जाता है. इस तरह से इलाक़े के क़रीब 20-25 गाँवों का सिवान के ग्रामीण इलाक़े से संपर्क टूट गया है.

बिहार में कई नए पुल और निर्माणाधीन पुलों के गिरने का सिलसिला भी लगातार बना हुआ है. बिहार में पुलों के गिरने को लेकर लगातार राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप भी देखने को मिलता है. राज्य में पिछले 15 दिनों में 10 से ज़्यादा नए और पुराने पुल गिरे हैं.

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