वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। स्वास्थ्य निदेशालय ने सभी जिलों को रोकथाम और बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, उत्तराखंड में अब तक एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सावधानी बरतने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में आइसोलेशन बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
प्रभारी स्वास्थ्य महानिदेशक डाॅ. सुनीता टम्टा ने सभी जिलों के डीएम और सीएमओ से कहा है कि इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के मरीजों के लिए आइसोलेशन बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेजों, जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
बचाव के लिए क्या करें:
- बच्चों, बुजुर्गों और गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए विशेष सावधानी बरतें।
- छींकते और खांसते समय नाक और मुंह को रुमाल या टिश्यू पेपर से ढकें।
- भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
- हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
- सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लें।
- वायरस के लक्षण होने पर दूसरों से दूरी बनाए रखें।
क्या न करें:
- इस्तेमाल किए गए टिश्यू पेपर और रुमाल का पुनः उपयोग न करें।
- हाथ मिलाने से परहेज करें।
- संक्रमित व्यक्तियों से निकट संपर्क से बचें।
- बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा का सेवन न करें।
- बार-बार आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
इन उपायों से एचएमपीवी और अन्य संक्रामक बीमारियों के फैलाव को नियंत्रित किया जा सकता है।