चीन में तेजी से फैल रहे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) ने अब भारत में भी कदम रख लिया है। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी इस वायरस का एक मामला सामने आया है। नागपुर में दो संदिग्ध बच्चों में एचएमपीवी के लक्षण पाए गए हैं, जिनकी उम्र सात और 13 साल है। स्वास्थ्य उप निदेशक शशिकांत शंभरकर ने बताया कि दोनों बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और उनका इलाज करने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। इन बच्चों की रिपोर्ट को अब नागपुर के एम्स में जांच के लिए भेजा गया है।
भारत में अब तक तीन एचएमपीवी मामलों का पता चला है, जिनमें से दो बंगलूरू और एक अहमदाबाद से सामने आया है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इन मामलों की पुष्टि की है। तमिलनाडु में भी दो संदिग्ध मामलों का पता चला है, जो श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के दौरान सामने आए हैं।
इस संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और पड़ोसी देशों में भी वायरस के मामलों की निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह वायरस नया नहीं है, बल्कि 2001 में इसकी पहचान हो चुकी थी और यह दुनियाभर में फैल चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि एचएमपीवी श्वसन प्रणाली पर असर डालता है और यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और मौसम के बदलाव के दौरान ज्यादा फैलता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हालात पर नजर रखने के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक भी आयोजित की गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली और निगरानी नेटवर्क पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का प्रभावी रूप से सामना करने के लिए तैयार हैं।