पाल-तिब्बत बॉर्डर क्षेत्र में केंद्रित था, जिसकी तीव्रता 7.1 मापी गई है। यह भूकंप लगभग सुबह के समय आया, जब लोग अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त थे। दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। कई लोग अपनी सुरक्षा के लिए घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए, जबकि कुछ क्षेत्रों में हल्के नुकसान की रिपोर्ट भी सामने आई है।
भूकंप के झटके महसूस होते ही राजधानी दिल्ली में लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। कई स्थानों पर लोग घबराए हुए बाहर निकल आए, जबकि कुछ अन्य ने अपने घरों में ही अपने आप को सुरक्षित रखने की कोशिश की। राजधानी के बड़े शॉपिंग मॉल्स और ऑफिस बिल्डिंग्स में भी लोग बाहर की ओर दौड़े। दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा, और अन्य एनसीआर के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस हुए।
सभी प्रमुख दफ्तरों और सरकारी भवनों में स्थिति का जायजा लिया गया और कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई। दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस होते ही दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी थोड़ी देर के लिए प्रभावित हुईं, हालांकि बाद में ट्रेन सेवाओं को सामान्य कर लिया गया।
भूकंप के केंद्र नेपाल और तिब्बत बॉर्डर क्षेत्र में होने की पुष्टि हुई है, और इस क्षेत्र में पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेपाल और तिब्बत के पास स्थित भूकंपीय क्षेत्र अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जहां अक्सर बड़े भूकंप आते रहते हैं। नेपाल में भूकंप के कारण कुछ नुकसान की रिपोर्ट भी सामने आई है, लेकिन अभी तक किसी बड़े जनहानि की कोई सूचना नहीं है।
भूकंप के झटकों के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने राज्य सरकारों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, बचाव और राहत कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। भूकंप के बाद, अधिकारियों ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
सभी प्रमुख शहरों में भूकंप के बाद की स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है और जिन क्षेत्रों में नुकसान हुआ है, वहां राहत कार्यों को तेज किया गया है।
भारत सरकार ने भी इस भूकंप के प्रभाव को लेकर नेपाल और तिब्बत के साथ संपर्क किया है, ताकि भूकंप के बाद की स्थिति पर एकजुट होकर काम किया जा सके।