
बाघ ने बुजुर्ग की जान ली, 20 घंटे बाद 6 किलोमीटर दूर मिला शव
रामनगर वन प्रभाग के क्यारी गांव से सटे जंगल में एक बाघ ने बुजुर्ग की जान ले ली। बृहस्पतिवार शाम से लापता बुजुर्ग की तलाश वन कर्मियों द्वारा 20 घंटे तक चलाए गए सर्च अभियान के बाद की गई। उनका शव घटनास्थल से लगभग छह किलोमीटर दूर पाया गया। शव को गांव में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया और दोपहर में उनका अंतिम संस्कार कोसी बैराज स्थित श्मशान घाट पर किया गया।
घटना के अनुसार, क्यारी गांव के निवासी पत्रकार दीप बेलवाल के पिता, 60 वर्षीय भुवन चंद्र बेलवाल, बृहस्पतिवार को जंगल में घास लेने गए थे। उसी दौरान उन्हें बाघ ने अपना शिकार बना लिया। लापता होने के बाद बाघ के हमले की आशंका जताई गई, जिसके बाद वन विभाग ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। रात को अभियान रोक दिया गया था, लेकिन शुक्रवार सुबह सात बजे फिर से सर्च अभियान शुरू किया गया।
वन विभाग और ग्रामीणों की संयुक्त टीम ने खोजबीन करते हुए घटनास्थल से लगभग छह किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर भुवन चंद्र का शव बरामद किया। शव के पास बाघ भी मौजूद था, लेकिन शोर मचाने पर वह वहां से भाग गया। शव को गांव तक लाने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा। शव के पास खून से सने कपड़े और मोबाइल फोन मिलने से घटना की गंभीरता बढ़ गई थी। शव के मिलने के बाद ग्रामीणों ने हल्का आक्रोश जताया, लेकिन वन विभाग की ओर से त्वरित कार्रवाई का आश्वासन मिलने पर स्थिति को शांत कर लिया गया।
इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक डॉ. विनय भार्गव, डीएफओ दिगांथ नायक, एसडीओ कामिनी आर्य, एसडीएम राहुल शाह, तहसीलदार कुलदीप पांडे और रेंजर ललित जोशी सहित वन विभाग की टीम मौजूद रही।
सर्च अभियान के बाद अब गांव के पास चार ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं, ताकि बाघ को पकड़ने का प्रयास किया जा सके। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अकेले जंगल में न जाएं। मृतक के परिजनों को नियमानुसार मुआवजा देने का आश्वासन भी दिया गया है।