
महाकुंभ 2025 में आज का दिन बेहद उत्साही और ऐतिहासिक रहेगा, क्योंकि आज श्रद्धालु पावन स्नान करेंगे और सरकारी गतिविधियों में भी हलचल रहेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज महाकुंभ नगर में कैबिनेट बैठक करेंगे और फिर त्रिवेणी संकुल अरैल में आस्था की डुबकी लगाएंगे। इसके बाद, मुख्यमंत्री योगी 1 बजे प्रेसवार्ता करेंगे, जहां वे महाकुंभ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे। इस प्रेसवार्ता में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम योगी महाकुंभ के महत्व और राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी देंगे। इस अवसर पर इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति भी महाकुंभ में अपनी आस्था की डुबकी लगाएंगी और तर्पण करेंगी। महाकुंभ नगर में चल रही धार्मिक गतिविधियों के बीच, इस्कॉन किचन मैनेजर दीन गोपाल दास ने अडानी परिवार का आभार व्यक्त किया, जिनकी मदद से इस्कॉन की मेगा रसोई की क्षमता 10 गुना बढ़ गई है। इस्कॉन, जो 2013 से कुंभ मेले में सेवा कर रहा है, अब महाकुंभ के दौरान हर दिन एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं को भोजन परोसने के लिए अपनी अत्याधुनिक रसोई का संचालन कर रहा है। यह रसोई सुबह 2 बजे से काम करना शुरू करती है और 9 बजे तक 50,000 लोगों के लिए प्रसाद तैयार कर देती है। इस सेवा के तहत पूरे महाकुंभ में 20 निर्दिष्ट स्थानों पर भोजन तैयार करके वितरित किया जाता है। अडानी समूह और इस्कॉन का यह सहयोग महाकुंभ के श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रहा है, जो 13 जनवरी से लेकर 26 फरवरी तक जारी रहेगा।

संगम घाट पर आज सुबह की आरती का आयोजन किया गया, जिसमें द्वारका शारदा पीठम मठ के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने धर्म की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य धर्म का प्रचार-प्रसार है ताकि आने वाली पीढ़ी सनातन धर्म को समझ सके। स्वामी सदानंद सरस्वती ने यह भी कहा कि संगम घाट पर एकता की जो मिसाल पेश की जा रही है, वह विविधता में एकता का प्रतीक है। इसके अलावा, उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन की घोषणा की, ताकि धार्मिक मामलों में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप न हो और मंदिरों को राज्य के नियंत्रण से बाहर लाने के लिए संघर्ष जारी रहे।

महाकुंभ का आयोजन सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। विदेशी आध्यात्मिक नेता महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं और वे सनातन धर्म की जयकार कर रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महाकुंभ न केवल भारत, बल्कि दुनिया भर में सनातन धर्म की पहचान को मजबूती दे रहा है। महाकुंभ 2025 के इस ऐतिहासिक आयोजन में आस्था, सेवा, और समृद्धि की अनोखी मिसाल पेश की जा रही है, जो भारतीय संस्कृति और धर्म को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दे रहा है।