
UP STF Encounter Update: शामली एनकाउंटर में बड़ा खुलासा, चार बदमाशों का ढेर, इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने दिखाई बहादुरी
उत्तर प्रदेश के शामली जिले में हुई एक जबरदस्त मुठभेड़ ने एक बार फिर पुलिस की बहादुरी को उजागर किया। एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम ने सोमवार रात को चौसाना-गंगोह मार्ग पर एक कार सवार बदमाशों को घेर लिया था, जिनमें एक लाख के इनामी अपराधी अरशद समेत चार बदमाश शामिल थे। जब एसटीएफ ने इन बदमाशों को घेरा, तो उन्होंने कारबाइन, पिस्टल और तमंचों से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान एसटीएफ टीम के एक जाबांज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को तीन गोलियां लगीं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना बदमाशों के खिलाफ गोलीबारी जारी रखी और अंततः चारों बदमाशों को ढेर कर दिया।
मुठभेड़ के दौरान एक गोली इंस्पेक्टर सुनील के सीने में लग गई, फिर भी उन्होंने एके-47 से गोलियां चलाते हुए बदमाशों पर पलटवार किया। एसटीएफ के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने सबसे पहले बदमाशों को आत्मसमर्पण करने के लिए ललकारा था, लेकिन जब बदमाशों ने फायरिंग जारी रखी, तो उन्होंने जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। गोली लगने के बाद भी उनका हौंसला पस्त नहीं हुआ और उन्होंने अपनी टीम को संभालते हुए फायरिंग जारी रखी, जिसके बाद चारों बदमाश मारे गए। इस दौरान इंस्पेक्टर सुनील कुमार को दो और गोलियां लगीं, जिनमें से तीसरी गोली उनके लीवर में घुस गई थी। इसके बावजूद, उनकी बहादुरी और सूझबूझ ने एक बड़ी आपदा को टलने से बचाया और बदमाशों को ढेर कर दिया।
एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह ने बताया कि यह मुठभेड़ बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन इंस्पेक्टर सुनील कुमार की बहादुरी और हिम्मत ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया। सुनील कुमार ने अपनी जान की बाजी लगाकर अपने कर्तव्य को निभाया और यह साबित कर दिया कि वे न केवल एक कुशल पुलिस अधिकारी थे, बल्कि उनकी निष्ठा और साहस भी असाधारण थे। एसटीएफ के इस ऑपरेशन में मारे गए बदमाशों की पहचान की गई, जिनमें मुकीम काला गैंग का शार्प शूटर अरशद, सोनीपत का मंजीत, करनाल का सतीश और मनवीर शामिल थे। इन बदमाशों के पास से कारबाइन, 32 बोर पिस्टल और तमंचे बरामद हुए थे।
इंस्पेक्टर सुनील कुमार की शहादत पर उनकी पूरी टीम और परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। वे मसूरी गांव के निवासी थे और 1990 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुए थे। उन्होंने 1997 में हरियाणा स्थित अकादमी से कमांडो का प्रशिक्षण लिया था और 2009 में एसटीएफ में तैनाती हुई थी। अपनी मेहनत और दक्षता के कारण वे लगातार पदोन्नत होते गए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में हिस्सा लिया और कई इनामी अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला था। 2023 में उन्होंने अनिल दुजाना और राहुल जैसे इनामी अपराधियों को भी गिरफ्तार किया था, जबकि उन्होंने 2021 में रंगदारी, अपहरण और हत्या के आरोपी नवीन को गिरफ्तार किया था।
उनकी बहादुरी और उनकी सेवाओं को याद करते हुए एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी और उनके साथी पुलिसकर्मी उन्हें सलाम करते हैं। मसूरी गांव में उनके निधन के बाद उनके परिवार और गांव में शोक की लहर फैल गई है। उनके परिवार में उनकी मां अतरकली देवी, पत्नी मुनेश देवी, बेटा मंजीत काकरान और बेटी नेहा चौधरी के साथ-साथ अन्य रिश्तेदार भी शोक मना रहे हैं। सुनील कुमार के परिवार के सदस्य और गांववाले उनकी साहसिकता और मिलनसार स्वभाव की तारीफ कर रहे हैं।
यह घटना न केवल उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए एक गौरव का पल है, बल्कि यह दिखाती है कि हमारे पुलिस अधिकारी अपनी जान की परवाह किए बिना समाज की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाते हैं। उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा और उनका साहस हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा।