Rajasthan: जयपुर एयरपोर्ट पर DRI की छापेमारी, 3.7 करोड़ रुपये कीमत की हाइड्रोपोनिक वीड के साथ दो यात्री गिरफ्तार

राजस्थान में नशे के कारोबार का जाल अब हवाई रास्तों के माध्यम से भी फैलता जा रहा है, और इस सिलसिले में डॉयरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) की बुधवार रात की कार्रवाई ने बड़े नशे के तस्करी के सबूत सामने लाए हैं। जयपुर एयरपोर्ट पर DRI अधिकारियों ने बैंकॉक से आने वाली फ्लाइट संख्या FD 130 से दो यात्रियों को हाइड्रोपोनिक वीड (गांजा) के साथ पकड़ा। इस ड्रग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 3.7 करोड़ रुपये बताई जा रही है, और यह नशीला पदार्थ महिला यात्री के ट्रॉली बैग में छिपा हुआ था। हाइड्रोपोनिक वीड को अत्याधुनिक तरीके से उगाया गया था, और यह नशे की तस्करी के सिंडिकेट का हिस्सा था। DRI की टीम ने इस कार्रवाई में शामिल एक युवक और एक युवती को गिरफ्तार किया और उन्हें न्यायालय के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। यह घटना राजस्थान में नशे के बढ़ते कारोबार और इसके लिए हवाई मार्ग के इस्तेमाल का खुलासा करती है, जो अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। राजस्थान में नशे का कारोबार अब स्कूल-कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज के बाहर भी खुलेआम हो रहा है, जिससे युवा पीढ़ी इस जाल में फंसती जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और राज्य में नशे के कारोबार में पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात की। गहलोत ने कहा कि नशे की समस्या पूरे देश में बढ़ती जा रही है और इसके लिए प्रशासन और सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान में पिछले पांच सालों में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी नशे के कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं। गहलोत ने कहा कि नशे के खिलाफ बने कानून और सजा के बावजूद ट्रायल के लंबे समय, सबूतों के अभाव और अन्य कारणों से आरोपी छूट जाते हैं। इस कारण नशे के पदार्थ जैसे MDMA टेबलेट्स और अन्य ड्रग्स बाजार में आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं, और युवा पीढ़ी इसका शिकार बन रही है। गहलोत ने यह भी कहा कि अब स्कूलों में भी 10वीं और 12वीं के छात्र शराब और ड्रग्स की ओर बढ़ रहे हैं, जो एक गंभीर सामाजिक समस्या बन गई है।

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