
इस साल जनवरी में मौसम ने आश्चर्यजनक रूप से गर्मी का सामना कराया, जो पिछले 10 वर्षों में सबसे अधिक तापमान के रूप में दर्ज किया गया। आमतौर पर जनवरी में उत्तर भारत में ठंडी और बर्फबारी की स्थिति होती है, लेकिन इस बार का जनवरी महीना कई जगहों पर अप्रत्याशित रूप से गर्म रहा। तापमान में अचानक वृद्धि ने मौसम विज्ञानियों को चौंका दिया, क्योंकि जनवरी में सामान्य तौर पर ठंड और हल्की बारिश होती है, जो तापमान को नियंत्रित करने का काम करती है। हालांकि, इस बार बारिश ने भी तापमान को कम करने में कोई खास मदद नहीं की। इस समय मौसम की स्थिति को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इस असमान मौसम का असर आने वाले दिनों में भी जारी रह सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह गर्मी विशेष रूप से ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का परिणाम हो सकता है, जिससे मौसम के पैटर्न में अस्थिरता आ रही है। मौसम के इस अप्रत्याशित बदलाव ने न केवल लोगों को चौंकाया, बल्कि कई जगहों पर स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो गईं, क्योंकि लोग ठंडे मौसम की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन अचानक बढ़ी गर्मी ने उनकी दिनचर्या को प्रभावित किया। इसके अलावा, 26 जनवरी के मौसम का पूर्वानुमान भी कुछ ऐसा ही है, जिसमें तापमान अधिक रहने की संभावना जताई गई है। इस दिन, जो कि भारत का गणतंत्र दिवस होता है, मौसम में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है, और तापमान उच्च स्तर पर बना रह सकता है। यह स्थिति आने वाले दिनों में सामान्य ठंड की अपेक्षाओं को कम कर सकती है और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को और अधिक गंभीर बना सकती है।