महाकुंभ मेले के दौरान हुए हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि हादसे के कारण लाखों श्रद्धालुओं की जान खतरे में पड़ी, और यह हादसा उचित सुरक्षा इंतजामों की कमी का परिणाम था। याचिका में वीआईपी मूवमेंट, भीड़ नियंत्रण, और सुरक्षा व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों को उठाया गया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि महाकुंभ के आयोजन के दौरान प्रशासन ने वीआईपी व्यक्तियों के लिए विशेष रास्तों और सुरक्षा इंतजामों को प्राथमिकता दी, जबकि आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा की उपेक्षा की गई।
इस जनहित याचिका में अदालत से यह भी अनुरोध किया गया है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में वीआईपी मूवमेंट की प्रक्रिया को सुधारा जाए और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार किया जाए। याचिका में यह सुझाव दिया गया है कि भारी संख्या में जुटने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बेहतर योजना बनाई जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों से बचा जा सके। इसके अलावा, याचिका में यह भी मांग की गई है कि प्रशासन को आयोजन स्थल पर अधिक सख्त निगरानी रखने और मेडिकल सुविधाओं को प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए जाएं।
महाकुंभ के दौरान हुई इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था के गंभीर सवाल उठाए हैं, और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करने का निर्णय लिया है। यह याचिका न केवल हादसे से प्रभावित परिवारों के लिए न्याय की मांग कर रही है, बल्कि पूरे देश में इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों के दौरान बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दे रही है।