
उत्तराखंड के बदरीनाथ और सिरोबगड़ के बीच सड़क मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि इस मार्ग पर 20 ऐसे भूस्खलन क्षेत्रों का अस्तित्व है जो बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं। यह जानकारी हाल ही में एक फील्ड रिपोर्ट में दी गई है, जिसमें विशेषज्ञों ने इस मार्ग पर बढ़ते खतरों को गंभीर रूप से चिन्हित किया है।
बदरीनाथ और सिरोबगड़ के बीच की सड़क को उत्तराखंड की महत्वपूर्ण यात्रा मार्गों में माना जाता है, लेकिन अब यह रिपोर्ट यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में लगातार होने वाले भूस्खलन और पत्थरों के गिरने से सड़क मार्ग पर आवागमन में गंभीर बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में मौसम की अचानक बदलाव, अधिक बारिश, और पहाड़ों पर भारी बर्फबारी भूस्खलन की घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन खतरनाक क्षेत्रों की सही समय पर पहचान और सुरक्षा उपायों की कमी यात्रियों के लिए जोखिम बढ़ा सकती है।
इस मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्री और स्थानीय लोग अक्सर इन भूस्खलन क्षेत्रों के बारे में अनजान रहते हैं, जिससे अप्रत्याशित घटनाएं घट सकती हैं। विशेषज्ञों ने सरकार और प्रशासन से अपील की है कि इन खतरनाक क्षेत्रों की मरम्मत और सुरक्षा के लिए उचित उपाय किए जाएं, ताकि यात्रियों को सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिल सके।
कई स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस मार्ग पर सुरक्षा सुविधाओं को बढ़ाएं। इससे पहले भी इस मार्ग पर भूस्खलन के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और अब यह रिपोर्ट इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान आकर्षित करती है।
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन एक सामान्य समस्या है, लेकिन जब यह यात्री मार्गों पर होता है, तो यह न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है, बल्कि इन घटनाओं से जुड़े आर्थिक नुकसान और अवरोध भी कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
फिलहाल, इस रिपोर्ट के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार और संबंधित विभागों द्वारा इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी और बदरीनाथ से सिरोबगड़ तक के मार्ग को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।