
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 में आयोजित परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करते हुए परीक्षा के दौरान होने वाले मानसिक दबाव और तनाव से निपटने के लिए अपनी महत्वपूर्ण सलाह दी। यह कार्यक्रम देशभर के लाखों छात्रों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है, और इस साल भी पीएम मोदी ने अपने अनुभव और विचारों के जरिए विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले विद्यार्थियों से परीक्षा के दौरान होने वाले दबाव को हल्के में लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि परीक्षा का परिणाम किसी की पूरी जिंदगी का पैमाना नहीं होता। यह सिर्फ एक मापदंड है जो हमें अपनी कड़ी मेहनत और ज्ञान का मूल्यांकन करने का अवसर देता है। मोदी ने कहा, “आपकी पहचान आपके प्रयासों और योगदान से बनती है, न कि केवल एक परीक्षा के नंबरों से।”
इस साल पीएम मोदी ने छात्रों को एग्जाम प्रेशर से निपटने के लिए “ध्यान केंद्रित करने” और “समय का प्रबंधन” जैसे दो अहम मंत्र दिए। उन्होंने कहा, “यदि आप परीक्षा के दौरान घबराते हैं या ज्यादा तनाव लेते हैं, तो इससे आपकी मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए, खुद को शांत रखने के लिए ध्यान केंद्रित करना बेहद जरूरी है।”
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने छात्रों को “किताबी कीड़ा” बनने से भी मना किया। उनका कहना था कि केवल किताबों तक ही सीमित रहकर सफलता प्राप्त नहीं होती। जीवन में विविधता और अनुभव भी जरूरी हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि खेल, कला और अन्य गतिविधियों में भी भाग लें, ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो सके। “एक संतुलित जीवन जीना बेहद महत्वपूर्ण है,” पीएम ने कहा।
प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों से यह भी अपील की कि वे अपनी सफलता के प्रति ललक और जुनून बनाए रखें, लेकिन उसे आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच के साथ संतुलित करें। उन्होंने कहा, “हर विद्यार्थी के पास अपनी क्षमताएं और विशिष्टताएं होती हैं। दूसरों से तुलना करने की बजाय, अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।”
इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने यह भी बताया कि परीक्षा को लेकर छात्रों को घबराहट और तनाव से बचने के लिए अभिभावकों की भूमिका भी अहम है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि वे बच्चों पर अधिक दबाव न डालें और उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील रहें।
परीक्षा पे चर्चा का यह सालाना कार्यक्रम छात्रों को सकारात्मक मानसिकता के साथ परीक्षा की तैयारियों में मदद करने के लिए आयोजित किया जाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने विद्यार्थियों के सवालों का भी जवाब दिया, जिससे छात्रों को आत्मविश्वास और प्रेरणा मिली।
प्रधानमंत्री की ये सलाहें न केवल छात्रों, बल्कि उनके परिवारों और शिक्षकों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं, ताकि वे परीक्षा के दौरान उत्पन्न होने वाले तनाव को सही तरीके से संभाल सकें।