
उत्तराखंड में पहाड़ी रास्तों पर सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा देने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अब पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने के इच्छुक सभी चालकों को एक विशेष परीक्षा देना होगी। यह नियम न केवल राज्य के नागरिकों पर लागू होगा, बल्कि अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों और वाहनों के चालक भी इस नियम का पालन करेंगे।यह कदम खासतौर पर उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए उठाया गया है। पहाड़ी रास्तों पर गाड़ी चलाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है, खासकर उन ड्राइवरों के लिए जो इन रास्तों पर पहली बार आ रहे हैं या जिनकी पहाड़ी इलाके में अनुभव की कमी है। ऐसे में पहाड़ी इलाकों में दुर्घटनाओं की संभावना अधिक हो जाती है, क्योंकि यहां की सड़कें संकरी, घुमावदार और ऊंचाई पर होती हैं, जिनमें विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।राज्य के परिवहन विभाग ने इस नियम की घोषणा करते हुए कहा कि पहाड़ी इलाकों में वाहन चलाने से पहले चालक को पहाड़ी मार्गों की विशेषताओं, वाहन नियंत्रण और आपातकालीन स्थिति में सही प्रतिक्रिया देने की क्षमता के बारे में एक परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा राज्य सरकार के निर्धारित मानकों के आधार पर आयोजित की जाएगी।यह नियम खासतौर पर उन पर्यटकों पर लागू होगा जो उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की सैर करने आते हैं और निजी वाहन का इस्तेमाल करते हैं। पर्यटकों को यह परीक्षा देने के लिए स्थानीय परिवहन कार्यालयों से संपर्क करना होगा, जहां वे परीक्षा का आयोजन कर सकते हैं। इसके बाद ही उन्हें पहाड़ी मार्गों पर गाड़ी चलाने की अनुमति दी जाएगी।सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में सड़क सुरक्षा बढ़ेगी और पहाड़ी रास्तों पर यात्रा करने वाले यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा में सुधार होगा। विभाग ने यह भी कहा है कि यह परीक्षा बेहद सरल होगी, जिसमें पहाड़ी इलाकों में गाड़ी चलाने के सामान्य पहलुओं जैसे घुमावदार रास्तों पर गाड़ी चलाना, ब्रेकिंग सिस्टम का सही इस्तेमाल, और अन्य यातायात सुरक्षा नियमों का पालन करने पर ध्यान दिया जाएगा।साथ ही, उत्तराखंड सरकार ने यह भी कहा कि पहाड़ी रास्तों पर दुर्घटनाओं की स्थिति में दुर्घटनास्थल पर जल्दी सहायता पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आपातकालीन सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इन केंद्रों से जल्द राहत मिलने से दुर्घटनाओं में कमी आ सकती है और लोगों की जान बचाने में मदद मिल सकती है।इस नियम के लागू होने से न केवल राज्य की सड़क सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र में भी सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित होगा। यह कदम उत्तराखंड में यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए एक अनिवार्य कदम के रूप में सामने आएगा, जिससे उन्हें राज्य के पहाड़ी रास्तों पर सुरक्षित रूप से यात्रा करने में मदद मिलेगी।