
आज के संसद सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक अहम मुद्दा उठाया, जिसमें उन्होंने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ी हो रही है, और कई योग्य मतदाता अपने नाम को लिस्ट में नहीं पाते। उन्होंने इस विषय पर सरकार से कार्रवाई की मांग की और कहा कि इससे लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर हो सकती है।राहुल गांधी ने संसद में बोलते हुए कहा, “यह अत्यंत गंभीर मामला है कि भारत के नागरिक, जिनका मतदान में हिस्सा लेना लोकतंत्र का मूल अधिकार है, उनके नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं। कई स्थानों पर यह समस्या बढ़ रही है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।” उन्होंने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में जो गड़बड़ियां हो रही हैं, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित कर सकती हैं, और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है।राहुल गांधी के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी संसद में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “यहां तो गड़बड़ी चल रही है, हर जगह मतदाता लिस्ट में नाम कट रहे हैं, और चुनावों के दौरान लोगों को अपनी आवाज उठाने से वंचित किया जा रहा है। यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे तुरंत ठीक किया जाना चाहिए।”धर्मेंद्र यादव ने इस विषय पर अधिक चर्चा करते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए ताकि आगामी चुनावों में कोई मतदाता अपने अधिकार से वंचित न हो। उन्होंने आरोप लगाया कि यह गड़बड़ी जानबूझकर की जा रही है ताकि चुनावों में किसी खास वर्ग या समूह का वोट प्रभावित किया जा सके।इस बीच, विपक्षी दलों ने भी राहुल गांधी के इस मुद्दे का समर्थन किया और सरकार से स्पष्ट और त्वरित कार्रवाई की मांग की। वहीं, सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग से इस मामले की जांच करने की बात कही। सरकार ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही इस गड़बड़ी को ठीक करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि सभी मतदाताओं के अधिकारों का सम्मान किया जा सके और आगामी चुनावों में कोई गड़बड़ी न हो।संसद में इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस देखने को मिली, जिसमें विपक्षी दलों ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, वहीं सत्ताधारी दल ने इसे प्रशासनिक लापरवाही मानते हुए जांच का आश्वासन दिया। इस मामले को लेकर अगले कुछ दिनों में और भी चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि यह मुद्दा सीधे तौर पर देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।