
उत्तराखंड: राज्य सरकार ने हाल ही में मदरसों पर कड़ी कार्रवाई की है, जिसके तहत पिछले 15 दिनों में 52 मदरसों को सील कर दिया गया है। यह कदम राज्य में धर्म के नाम पर चल रही अवैध गतिविधियों और संदिग्ध कार्यों को रोकने के लिए उठाया गया है। अधिकारियों के अनुसार, इन मदरसों में धार्मिक शिक्षा के नाम पर कुछ अन्य गतिविधियां चल रही थीं, जो कानूनी और सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं थीं।राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की साझा कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया गया। जब इन मदरसों की जांच की गई, तो यह सामने आया कि कई मदरसों में असामान्य गतिविधियाँ हो रही थीं, जो सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय थीं। इन मदरसों में न सिर्फ अवैध गतिविधियों का संचालन हो रहा था, बल्कि कुछ जगहों पर फंडिंग के स्रोत भी संदिग्ध पाए गए थे।राज्य सरकार ने मदरसों पर यह कार्रवाई इसलिए की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी धार्मिक संस्थान का गलत तरीके से उपयोग न हो और वे पूरी तरह से कानून के तहत संचालित हों। अधिकारियों का कहना है कि मदरसों में शिक्षा देने का उद्देश्य केवल धार्मिक ज्ञान देना होना चाहिए, न कि किसी प्रकार के आतंकवाद या अन्य अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देना।सील किए गए मदरसों के संचालकों से भी पूछताछ की जा रही है, और जिन मदरसों में नियमों का उल्लंघन पाया गया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य किसी विशेष समुदाय या धर्म को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि केवल यह सुनिश्चित करना है कि सभी धार्मिक संस्थान सही तरीके से काम करें और कानून का पालन करें।सरकार ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि भविष्य में किसी भी मदरसे में अवैध गतिविधियाँ पाई जाती हैं, तो ऐसी संस्थाओं को तत्काल सील कर दिया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम को लेकर कुछ विवाद भी उत्पन्न हो सकते हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह सभी के हित में है और किसी को भी कानून से ऊपर नहीं होने दिया जाएगा।