
उत्तराखंड में हर साल होने वाली चार धाम यात्रा लाखों तीर्थयात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड के बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस यात्रा के दौरान सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखना बेहद जरूरी होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने 2025 की चार धाम यात्रा के लिए सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। सरकार ने रेंज कार्यालय में एक विशेष निगरानी सेल का गठन किया है, जो यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं की निगरानी करेगा। इस सेल का मुख्य उद्देश्य यात्रा के हर पहलू पर नजर रखना है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी से बचा जा सके और यात्रियों को निर्बाध रूप से यात्रा करने में कोई परेशानी न हो।इसके अलावा, यात्रा के प्रमुख पड़ावों पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन ने एएसपी (अधीक्षक पुलिस) को तैनात करने का फैसला लिया है। ये अधिकारी यात्रा के मुख्य मार्गों और पड़ावों पर निगरानी रखेंगे, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे और श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा का अनुभव हो। एएसपी को स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना होगा और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करनी होगी।चार धाम यात्रा में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, और यह यात्रा क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देती है। इस कारण से सुरक्षा की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाती है। सुरक्षा के अतिरिक्त, यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने कई अन्य उपायों को भी लागू किया है, जैसे कि रास्तों का सुधार, यातायात व्यवस्था की बेहतर प्रबंधन, मेडिकल सुविधाओं का विस्तार और मौसम की जानकारी देने के लिए रेडियो और अन्य संचार उपकरणों की व्यवस्था।सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और यात्रा के अनुभव को और अधिक सुरक्षित और सुगम बनाया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि इस निगरानी सेल और तैनात एएसपी के माध्यम से यात्रा के दौरान सभी संभावित खतरों से निपटना आसान होगा, और तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।