
हाल ही में म्यांमार में आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिससे कई इलाके प्रभावित हुए हैं। इस भूकंप की तीव्रता 6.8 रिक्टर पैमाने पर मापी गई, और यह म्यांमार के कई हिस्सों में महसूस किया गया। भूकंप के कारण ढहते भवनों, मलबे और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिससे सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं और कई लोगों की जान भी चली गई है। म्यांमार में संकट की स्थिति को देखते हुए, भारत ने आपातकालीन सहायता भेजने का निर्णय लिया और अपनी राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया है।भारत सरकार ने अपनी प्राथमिकता के तौर पर म्यांमार में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने और राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को म्यांमार भेजा। इन टीमों ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है, और मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयासों को तेज कर दिया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीमें म्यांमार के प्रमुख प्रभावित क्षेत्रों में भेजी गई हैं, जहां उन्हें तत्काल राहत की आवश्यकता है। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत, मलबे से लोगों को बाहर निकालने के लिए विशेषज्ञ उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है और बचाव कार्य रातभर जारी है।भारत के विदेश मंत्रालय ने भी म्यांमार में हुई इस आपदा के प्रति संवेदना व्यक्त की है और कहा कि भारत पूरी तरह से म्यांमार के साथ खड़ा है। साथ ही, विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि म्यांमार के अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखा गया है और भारत अपनी पूरी सहायता मुहैया करवा रहा है।इसके अलावा, भारतीय दूतावास ने म्यांमार में भारतीय नागरिकों की स्थिति का जायजा लिया है। हालांकि, अभी तक भारतीय नागरिकों के प्रभावित होने की कोई रिपोर्ट नहीं आई है, फिर भी दूतावास ने वहां के भारतीय नागरिकों से संपर्क बनाए रखने की अपील की है और किसी भी तरह की मदद के लिए उन्हें निर्देशित किया है।भूकंप के बाद म्यांमार में बिगड़ी स्थिति को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय सहायता की भी अपील की गई है। स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भी राहत कार्यों में मदद देने का वादा किया है।वहीं, एनडीआरएफ की टीमें म्यांमार के अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं, ताकि भूकंप से हुए नुकसान को जल्द से जल्द कम किया जा सके और लोगों को बुनियादी आवश्यकताओं की आपूर्ति की जा सके। भारत का यह रेस्क्यू ऑपरेशन दर्शाता है कि भारत अपनी पड़ोसी देशों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है, खासकर तब जब मानवीय संकट हो।रेस्क्यू और राहत कार्यों में स्थानीय प्रशासन और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी एनडीआरएफ की टीमों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। भूकंप के बाद से राहत कार्यों की गति को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जितनी जल्दी हो सके प्रभावित लोगों को सुरक्षा और राहत प्रदान की जा सके।