
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद कांग्रेस पार्टी पूरी तरह आक्रामक हो गई है। पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार देते हुए देशभर में ईडी कार्यालयों के बाहर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए। दिल्ली से लेकर मुंबई, जयपुर, लखनऊ, भोपाल, चंडीगढ़, देहरादून समेत कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतर आए। दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जुलूस की शक्ल में मार्च निकाला और ईडी मुख्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश की। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिनमें केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, पवन खेड़ा, रणदीप सुरजेवाला, प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य नेता शामिल रहे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि जिस तरह से विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है और ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल विरोधियों को डराने-धमकाने के लिए कर रही है। देश के अन्य हिस्सों में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तरों का घेराव किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़पें भी देखने को मिलीं। लखनऊ में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। वहीं जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में अगर विपक्ष की आवाज को इस तरह कुचला जाएगा तो लोकतंत्र बचाना मुश्किल हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि जब तक सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई को वापस नहीं लिया जाता, तब तक पार्टी का आंदोलन जारी रहेगा। पार्टी के अनुसार यह केवल सोनिया-राहुल की नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने की साजिश है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कार्रवाई ने देश की सियासत को गरमा दिया है और आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव और तेज हो सकता है।