पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू होगा? मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वकील विष्णु जैन; कल होगी सुनवाई

मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। इस हिंसा को लेकर लगातार विरोध और आलोचना हो रही है, और अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। वकील विष्णु जैन ने इस हिंसा के संदर्भ में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। उनका तर्क है कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में असफल रही है और इस स्थिति में संविधान के अनुसार राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है। विष्णु जैन का कहना है कि पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही हिंसा और अशांति के कारण लोगों का विश्वास राज्य सरकार से उठ चुका है। मुर्शिदाबाद हिंसा में कई निर्दोष लोग प्रभावित हुए हैं, और राज्य सरकार की तरफ से इस पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। जैन ने आरोप लगाया कि हिंसा के दौरान प्रशासन की नाकामी को नजरअंदाज किया गया, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति और खराब हुई।इस याचिका में उन्होंने राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 356 का हवाला दिया है, जो तब लागू होता है जब एक राज्य सरकार संविधान के अनुसार अपनी जिम्मेदारियां निभाने में असमर्थ होती है। उनका कहना है कि जब राज्य सरकार अपने कर्तव्यों को सही तरीके से नहीं निभा रही, तब राष्ट्रपति शासन एक वैध विकल्प हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई कल, यानी 22 अप्रैल 2025 को होगी। कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जवाब पेश किया जाएगा, और इसके बाद अदालत निर्णय लेगी कि क्या राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा या नहीं।मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा को लेकर विवाद और तनाव अभी भी बना हुआ है, और इस घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को इंतजार है, जो राज्य में आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत दे सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464