उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर विशेष फोकस, पुलिस और साइबर टीम अलर्ट मोड में

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड में पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर पुलिस और प्रशासन ने खास ऐहतियात बरतना शुरू कर दिया है। राज्यभर के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में रह रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है।उत्तराखंड पुलिस ने न केवल शारीरिक सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया है, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी निगरानी बढ़ा दी है। यह कदम इसलिए जरूरी माना जा रहा है क्योंकि किसी भी संवेदनशील घटना के बाद सोशल मीडिया पर भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले संदेश वायरल होने का खतरा बढ़ जाता है, जो माहौल को और तनावपूर्ण बना सकता है। पुलिस की साइबर सेल फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स पर चल रही गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है।

शैक्षणिक संस्थानों को दिए गए विशेष दिशा-निर्देश

देहरादून, हल्द्वानी, रुड़की और नैनीताल जैसे शहरों के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ को स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि वे अपने संस्थान में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सूची बनाएं और उनकी नियमित गतिविधियों पर ध्यान रखें। उन्हें यह भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र किसी प्रकार की धमकी या तनाव महसूस करता है तो तुरंत पुलिस या प्रशासन से संपर्क करे।राज्य पुलिस प्रमुख ने सभी जिला कप्तानों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में रहने वाले कश्मीरी छात्रों से संपर्क बनाए रखें और स्थानीय समुदाय के साथ भी संवाद स्थापित करें ताकि भाईचारा बना रहे और किसी भी प्रकार का तनाव उत्पन्न न हो।

सुरक्षा के लिए विशेष टीमें गठित

कुछ जिलों में कश्मीरी छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस ने विशेष निगरानी टीमें गठित की हैं, जो छात्रों के हॉस्टल, पीजी और रिहायशी इलाकों में नियमित रूप से गश्त कर रही हैं। इन टीमों का काम छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी विश्वास पैदा करना है कि राज्य सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

पुलिस की अपील – अफवाहों से बचें, संयम रखें

उत्तराखंड पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी अपुष्ट खबर या अफवाह को सच मानकर प्रतिक्रिया न दें। अगर कोई भड़काऊ या संदेहास्पद पोस्ट दिखे तो उसे तुरंत संबंधित साइबर सेल को रिपोर्ट करें। साथ ही कश्मीरी छात्रों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता न करें और किसी भी तरह की दिक्कत होने पर बिना हिचक पुलिस से संपर्क करें। देश की अखंडता और सामाजिक सौहार्द बनाए रखना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। उत्तराखंड पुलिस और प्रशासन इस दिशा में सजग और सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पहलगाम की घटना के बाद उत्पन्न हुए संभावित तनाव को समय रहते संभालने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि राज्य में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्र सुरक्षित, सम्मानित और निश्चिंत महसूस कर सकें। यह संदेश स्पष्ट है — उत्तराखंड हर नागरिक का घर है, चाहे वह कहीं से भी आया हो।

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