
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेष रूप से पाकिस्तान से आए लोगों, की पहचान और वापसी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें खुफिया एजेंसियों, पुलिस विभाग, आप्रवासन अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में यह तय किया गया कि राज्य के सभी जिलों में ऐसे पाक नागरिकों की पहचान की जाएगी जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में रह रहे हैं और उनकी शीघ्र वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।मुख्यमंत्री धामी ने बैठक में स्पष्ट रूप से निर्देश दिए कि राज्य की सुरक्षा और सामाजिक संरचना से कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह न केवल कानून व्यवस्था का विषय है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का भी गंभीर मामला है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्रवाई करेगी और किसी भी अवैध नागरिक को उत्तराखंड में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।राज्य सरकार द्वारा प्राप्त खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ पाकिस्तानी नागरिक वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तराखंड में रह रहे हैं, कुछ ने तो आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य पहचान पत्र तक हासिल कर लिए हैं। इनमें से कुछ नागरिक शहरी क्षेत्रों में छोटे-मोटे व्यवसाय कर रहे हैं तो कुछ मजदूरी या किराये पर रहकर गुमनाम जीवन बिता रहे हैं। अब इनकी पड़ताल शुरू हो चुकी है और जांच एजेंसियों को विस्तृत कार्ययोजना के तहत निर्देशित किया गया है।पुलिस प्रशासन को कहा गया है कि सभी थानों के अंतर्गत आने वाले किराएदारों, झुग्गी बस्तियों और संवेदनशील इलाकों में विशेष सर्वे अभियान चलाया जाए। इसके अलावा, अवैध दस्तावेज बनाने वाले दलालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस प्रकार की घुसपैठ दोबारा न हो सके, इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी और सतर्कता और अधिक बढ़ाई जाएगी।राज्य सरकार इस पूरे अभियान को बेहद गोपनीय और संवेदनशील तरीके से अंजाम देना चाहती है ताकि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशानी न हो, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी किसी भी जानकारी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। सीएम धामी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब देश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता बढ़ी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने सभी राज्यों को अलर्ट किया है और विदेशी नागरिकों की निगरानी बढ़ाने की सलाह दी गई है। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति और धार्मिक पर्यटन केंद्र होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार राज्य में अवैध गतिविधियों, फर्जी पहचान और विदेशी नागरिकों की घुसपैठ को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और आने वाले समय में राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ की जाएगी।