केदारनाथ धाम: पूजा अनुष्ठान के बाद बाबा केदार की डोली रवाना, कपाट खुलने की विधि आरंभ

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग ज़िले में स्थित पवित्र केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की शुभ प्रक्रिया विधिवत आरंभ हो गई है। धार्मिक परंपराओं के अनुसार, आज भैरवनाथ जी के पूजन-अर्चन के साथ बाबा केदार की डोली धाम के लिए रवाना हुई। चार धाम यात्रा का प्रमुख केंद्र माने जाने वाले केदारनाथ धाम में हर साल कपाट बंद और खुलने की विशेष प्रक्रिया सदियों पुरानी परंपराओं के अनुसार संपन्न होती है। आज प्रातः शुभ मुहूर्त में केदारनाथ के मुख्य रक्षक माने जाने वाले भैरवनाथ जी की पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदार की उत्सव डोली को केदारनाथ धाम के लिए रवाना किया गया। भक्तों और पुजारियों के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। डोली यात्रा में स्थानीय ग्रामवासियों, तीर्थ पुरोहितों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। डोली को पहले ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से विशेष विधि-विधान के साथ रवाना किया गया। यहां शीतकालीन गद्दीस्थल पर बाबा केदार की डोली की विधिवत पूजा की गई। इसके बाद भव्य शोभायात्रा के रूप में डोली धाम की ओर बढ़ी। यात्रा के दौरान कई स्थानों पर भक्तों ने फूलों की वर्षा कर डोली का स्वागत किया और पूजा-अर्चना की। केदारनाथ धाम के कपाट हर साल भारी बर्फबारी के चलते शीतकाल में बंद कर दिए जाते हैं और शीतकालीन प्रवास के लिए बाबा केदार की गद्दी उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में प्रतिष्ठित की जाती है। अब गर्मी के आगमन के साथ, पुनः कपाट खोलने की परंपरा निभाई जाती है। इस दौरान भैरवनाथ जी की पूजा करना अनिवार्य माना जाता है, क्योंकि मान्यता है कि बाबा केदारनाथ धाम की रक्षा स्वयं भैरवनाथ करते हैं जब कपाट बंद रहते हैं। डोली यात्रा के साथ श्रद्धालुओं में विशेष उल्लास देखा जा रहा है। पूरे मार्ग को फूलों से सजाया गया है और विभिन्न जगहों पर भंडारे व प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी की गई है। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं के लिए व्यापक सुरक्षा और सुविधाओं के इंतज़ाम किए हैं। इस वर्ष कपाट खुलने के अवसर पर देशभर से हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। अब कुछ ही दिनों में केदारनाथ मंदिर के कपाट विधिवत रूप से खोले जाएंगे और बाबा केदार के दर्शन के लिए धाम के दरवाज़े पुनः भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। इस ऐतिहासिक और धार्मिक अवसर का सभी श्रद्धालु बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।

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