
नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण और संवेदनशील ऑपरेशन सिंदूर पर आयोजित सर्वदलीय बैठक आज समाप्त हो गई। इस बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने एकजुट होकर देश की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम सभी एकजुट हैं, और संकट की घड़ी में देश की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। इस समय हमें राजनीति से ऊपर उठकर एक साथ खड़ा होना होगा।”ऑपरेशन सिंदूर को लेकर यह बैठक संसद भवन में आयोजित की गई, जिसमें विपक्षी और सत्तारूढ़ पार्टी के प्रतिनिधियों के अलावा विभिन्न राज्यों से आए नेताओं ने भी भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ऑपरेशन सिंदूर की प्रगति और इसके प्रभाव पर चर्चा करना था, जिसमें सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी किए गए ताजे अपडेट और रिपोर्टों पर विस्तार से चर्चा हुई।बैठक के दौरान, विपक्ष ने सरकार से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि ऑपरेशन की सफलता और सुरक्षा प्रबंधन में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए, साथ ही नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की भी रक्षा की जाए। वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी ने ऑपरेशन की विश्वसनीयता और गति पर जोर दिया, यह कहते हुए कि भारत की सुरक्षा के लिए यह एक आवश्यक कदम है।सभी दलों ने सुरक्षा एजेंसियों को समर्थन देने का आश्वासन दिया और इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य केवल राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करना है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “राजनीति को इस मुद्दे से अलग रखते हुए, हम सबको एक साथ काम करने की आवश्यकता है। हमारे सैनिकों और सुरक्षा बलों का साहस और समर्पण सराहनीय है। हम सभी को इस समय उनका समर्थन करना चाहिए।”बैठक में शामिल अन्य नेताओं ने भी एक स्वर में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर है और इस समय सभी को एकजुट होकर काम करना चाहिए। कई नेताओं ने यह भी आग्रह किया कि सरकार पारदर्शिता बनाए रखें और ऑपरेशन के बारे में जनता को समय-समय पर अपडेट देती रहे, ताकि संदेह और भ्रम की स्थिति न बने।इस सर्वदलीय बैठक का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह था कि सभी नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संविधानीय अधिकारों का सम्मान किया जाएगा। इसके साथ ही, किसी भी प्रकार की मानवाधिकारों की उल्लंघना से बचने के लिए विशेष ध्यान देने की बात भी की गई।कुल मिलाकर, यह बैठक एक सकारात्मक संदेश देने में सफल रही कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर भारतीय राजनीति में सभी दलों में एकता और सहयोग की भावना है। इस बैठक के बाद, सभी दलों के नेता इस बात पर सहमत हुए कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी है कि ऑपरेशन सिंदूर बिना किसी राजनीतिक दखल के सफलता से पूरा हो।निष्कर्ष में, यह सर्वदलीय बैठक इस बात का प्रतीक बनी कि संकट के समय भारत की राजनीतिक पार्टियां एकजुट होकर देश की रक्षा के लिए खड़ी हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार इस बैठक में उठाए गए मुद्दों और सुझावों को लागू कैसे करती है और ऑपरेशन सिंदूर को सफल बनाने के लिए किस प्रकार की आगे की रणनीतियां बनाई जाती हैं।