
रिषिकेश: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने परिवार के साथ परमार्थ निकेतन पहुंचे, जहाँ उन्होंने गंगा नदी के तट पर पूजा-अर्चना की और आरती में भाग लिया। इस आध्यात्मिक स्थल पर रामनाथ कोविंद ने पत्नी और बेटी के साथ गंगा माता की महिमा का स्मरण करते हुए गंगा पूजन किया। परमार्थ निकेतन, जो योग और आध्यात्म का प्रमुख केंद्र है, में इस दौरान एक शांति और अध्यात्मिक माहौल बना रहा।
रामनाथ कोविंद ने गंगा के पवित्र जल के साथ आरती की, जिसमें आसपास मौजूद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने भी भाग लिया। पूर्व राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि गंगा नदी न केवल भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर है, बल्कि यह जीवन की ऊर्जा और स्वच्छता का भी प्रतीक है। उन्होंने लोगों से गंगा संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आह्वान भी किया।
परिवार सहित इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक उन्नति था। रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज के तेज़ और व्यस्त जीवन में, ऐसे पवित्र स्थान हमें मानसिक और आध्यात्मिक सुकून देते हैं। परमार्थ निकेतन जैसे केंद्र योग, ध्यान और धार्मिक अनुष्ठानों के जरिए जीवन को स्वस्थ और सकारात्मक बनाते हैं।
परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चैतन्य ने भी पूर्व राष्ट्रपति का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें इस केंद्र की विभिन्न सेवाओं और सामाजिक गतिविधियों के बारे में अवगत कराया। रामनाथ कोविंद ने केंद्र के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के स्थान भारतीय संस्कृति को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस दौरान रामनाथ कोविंद का परिवार भी उनके साथ था, जिसमें पत्नी और बेटी शामिल थीं। पूरे परिवार ने मिलकर इस पवित्र आयोजन का आनंद लिया और गंगा आरती के दौरान भावपूर्ण श्रद्धा व्यक्त की। यह पल उनके लिए आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से बेहद महत्वपूर्ण रहा।
रिषिकेश का यह दौरा पूर्व राष्ट्रपति के लिए एक आत्मिक अनुभव रहा, जो उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ने और देशवासियों के बीच संस्कृति और धर्म के महत्व को पुनः स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है। उनकी यह यात्रा स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनी।