
देहरादून में वर्ष 2024 में आयोजित हुए एएफटी एथलीट गेम्स में हिस्सा लेने आई एक महिला खिलाड़ी के साथ दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि साथी खिलाड़ी ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसका शोषण किया और इस घटना का वीडियो भी बनाया। आरोपित युवक के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामले का पूरा घटनाक्रम:
पीड़िता ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि वह 20 सितंबर 2024 को एएफटी एथलीट गेम्स में हिस्सा लेने के लिए देहरादून आई थी। इस दौरान उसकी मुलाकात आरोपी अमन कुमार मेहरा से हुई, जो आवास विकास रुद्रपुर का निवासी है। अमन भी इसी खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए देहरादून आया था। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप से उसका नंबर निकालकर उसे मैसेज और कॉल किए।पीड़िता और आरोपी दोनों देहरादून के एक धर्मशाला में रुके हुए थे। आरोप है कि एक दिन आरोपी ने पीड़िता को कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए दिया, जिसमें नशीला पदार्थ मिलाया था। इसके प्रभाव से पीड़िता बेहोश हो गई। बेहोशी की हालत में आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया और इस पूरी वारदात का वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया।पीड़िता ने आगे बताया कि आरोपी लगातार उसे वीडियो वायरल करने की धमकी देता रहा, जिसके चलते वह कई महीनों तक इस भयावह घटना के बारे में किसी से कुछ कह नहीं पाई। डर के कारण पीड़िता मानसिक रूप से बेहद परेशान रही।
पुलिस की कार्रवाई:
इस गंभीर मामले की जानकारी मिलने पर शहर कोतवाली पुलिस ने तुरंत मामले को संज्ञान में लेते हुए आरोपी अमन कुमार मेहरा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट एवं दुष्कर्म से संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है, जिसका रिपोर्ट पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण साबित होगा।शहर कोतवाल प्रदीप पंत ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा चुकी है और पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह के मामलों में तुरंत पुलिस को सूचना दें और निडर होकर न्याय की प्रक्रिया में सहयोग करें।
सामाजिक संदेश:
यह मामला न केवल खेल आयोजन की गरिमा को ठेस पहुँचाता है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की चिंता भी बढ़ाता है। महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। ऐसे घटनाक्रमों को रोकने के लिए समाज, प्रशासन और खेल आयोजकों को मिलकर प्रभावी कदम उठाने होंगे, ताकि खेल के मैदान महिलाओं के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक बने रहें।