
भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) देहरादून के ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर पर शनिवार को जो दृश्य नजर आया, वह हर भारतीय के हृदय को गर्व से भर देने वाला था। तन, मन और जीवन को मातृभूमि को समर्पित करने की भावना के साथ 419 जेंटलमैन कैडेट्स ने अंतिम पग पार करते हुए भारतीय सेना की वर्दी धारण की। यह सिर्फ एक परेड नहीं, बल्कि अनुशासन, परिश्रम और संकल्प की वह पराकाष्ठा थी, जो वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।IMA की पासिंग आउट परेड में इस बार सिर्फ भारत के ही नहीं, बल्कि नौ मित्र देशों – अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, तंजानिया, भूटान, और वियतनाम से आए 32 विदेशी कैडेट्स ने भी हिस्सा लिया। यह वैश्विक सैन्य सहयोग और भारत के सामरिक रिश्तों की गहराई को दर्शाता है।परेड का आगाज़ सुबह 6:38 बजे ‘मार्कर्स कॉल’ के साथ हुआ, जिसके बाद कंपनी सार्जेंट मेजरों ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी निर्धारित जगहें संभालीं। 6:42 बजे ‘एडवांस कॉल’ के साथ कैडेट्स की टुकड़ियां गरिमामय कदमताल करते हुए परेड ग्राउंड पर पहुंचीं। इस गरिमामयी समारोह के मुख्य अतिथि श्रीलंका के सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासंथा रोड्रिगो थे, जिन्होंने परेड की समीक्षा करते हुए पास हो रहे कैडेट्स का हौसला बढ़ाया और सलामी दी।इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को विशेष सम्मान भी प्रदान किए गए। कैडेट अनिल नेहरा ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ और ‘सिल्वर मेडल’ अपने नाम किए। ‘गोल्ड मेडल’ रोनित रंजन को मिला जबकि ‘ब्रॉन्ज मेडल’ अनुराग वर्मा को प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त टीईएस कैटेगरी में ‘सिल्वर मेडल’ कैडेट कपिल को मिला और टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC) के तहत ‘सिल्वर मेडल’ कैडेट आकाश भदौरिया को मिला। ‘चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर’ केरन कंपनी को प्रदान किया गया – जो कि IMA में सबसे उत्कृष्ट कंपनी को दिया जाता है।IMA POP सिर्फ एक समारोह नहीं बल्कि उस राष्ट्रभक्ति की झलक है, जो हर कैडेट के रक्त में बहती है। इन युवा अफसरों का जीवन अब राष्ट्र रक्षा को समर्पित होगा। हर परेड कॉल, हर कदमताल के साथ यह संदेश जाता है कि देश की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं। भारतीय सेना का यह नया दल ना केवल सैन्य कौशल से संपन्न है, बल्कि चरित्र, नेतृत्व और साहस का प्रतीक भी है।