केदारनाथ धाम में टूटा आस्था का रिकॉर्ड, 10 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

चारधाम यात्रा 2024 अपने चरम पर है और इस बार श्रद्धालुओं की आस्था ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यात्रा शुरू हुए महज 45 दिन हुए हैं और अब तक 28 लाख से अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों – केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ-साथ हेमकुंड साहिब में भी दर्शन कर चुके हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि अकेले केदारनाथ धाम में दर्शन करने वालों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है। प्रतिदिन औसतन 70,000 से अधिक श्रद्धालु चारधाम की यात्रा कर रहे हैं। इस वर्ष चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल 2024 को हुआ था और तब से लेकर अब तक श्रद्धालुओं का उत्साह लगातार बढ़ता जा रहा है, भले ही मौसम कभी-कभी चुनौती बनकर सामने आया हो।

❖ मौसम की चुनौती के बीच भी नहीं थमी आस्था

उत्तराखंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम की स्थिति यात्रा पर हमेशा प्रभाव डालती रही है। इस बार भी बारिश और बर्फबारी जैसी परिस्थितियों ने श्रद्धालुओं की परीक्षा ली, लेकिन इसके बावजूद भक्तों की आस्था और भक्ति के कदम नहीं रुके। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब जैसे आध्यात्मिक केंद्रों में अब भी भक्तों की लंबी कतारें लग रही हैं।

❖ ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में हो रहा पंजीकरण

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा हेतु ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन पंजीकरण की भी व्यवस्था की गई है। हरिद्वार, ऋषिकेश, हरबर्टपुर और विकासनगर जैसे प्रमुख पंजीकरण केंद्रों पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक दिन में औसतन 28,000 तक श्रद्धालु ऑफलाइन पंजीकरण करवा रहे हैं।चारधाम यात्रा के पंजीकरण नोडल अधिकारी योगेंद्र गंगवार ने जानकारी दी कि अब तक 42 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से करीब 28 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यात्रा शांतिपूर्वक और व्यवस्थित ढंग से संचालित की जा रही है।

❖ अब तक के दर्शनों का विस्तृत आंकड़ा:

धामदर्शन करने वाले श्रद्धालु
केदारनाथ10 लाख+
बदरीनाथ7.80 लाख
गंगोत्री4.53 लाख
यमुनोत्री4.50 लाख
हेमकुंड साहिब95,700

❖ पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक यात्रा

इस बार की चारधाम यात्रा धार्मिक ही नहीं, पर्यटन और राज्य की अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक साबित हो रही है। बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यवसाय, होटल उद्योग, परिवहन और पर्यटन सेवाओं को भी नई ऊर्जा मिली है। 45 दिनों में चारधाम यात्रा ने जो रिकॉर्ड बनाए हैं, वह न केवल श्रद्धा की शक्ति को दर्शाते हैं, बल्कि उत्तराखंड सरकार और प्रशासन की समर्पित तैयारियों को भी प्रमाणित करते हैं। इस यात्रा में हर वर्ग के लोग, चाहे वृद्ध हों या युवा, महिलाएं हों या बच्चे – सभी एक साथ आस्था की डगर पर आगे बढ़ रहे हैं।

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