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“मोबाइल नहीं, अब खुद को करें रीचार्ज – जानिए क्‍या है डिजिटल फास्टिंग और क्‍यों है आपकी मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी” - The Indian Exposure

“मोबाइल नहीं, अब खुद को करें रीचार्ज – जानिए क्‍या है डिजिटल फास्टिंग और क्‍यों है आपकी मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी”

📵 “स्क्रीन से दूरी… सेहत से नज़दीकी! जानिए क्यों जरूरी है आज के समय में ‘डिजिटल फास्टिंग’”

आज की तेज़ रफ्तार और भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग लगातार भागते चले जा रहे हैं — कभी काम की deadlines के पीछे, तो कभी सोशल मीडिया की notifications के पीछे। जहां एक ओर तकनीक ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं दूसरी ओर इसने हमारी मानसिक शांति, नींद, और मानव संबंधों पर गहरा असर डाला है।ऐसे में “डिजिटल फास्टिंग” यानी कुछ समय के लिए डिजिटल डिवाइसेज़ से दूर रहना अब एक विकल्प नहीं बल्कि ज़रूरत बन गई है।

📱 क्या है डिजिटल फास्टिंग?
डिजिटल फास्टिंग का मतलब है – दिन के कुछ घंटे या सप्ताह के किसी एक दिन मोबाइल, लैपटॉप, टीवी या किसी भी तरह के डिजिटल स्क्रीन से दूरी बनाना। इसे “डिजिटल डिटॉक्स” भी कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है मानसिक शांति, बेहतर नींद और फोकस को वापस पाना।

🧠 डिजिटल फास्टिंग क्यों है जरूरी?
आज के युवाओं और यहां तक कि बच्चों का भी ज़्यादातर समय मोबाइल स्क्रीन पर बीत रहा है। घंटों स्क्रोलिंग, वीडियो देखना, गेम खेलना न केवल आँखों को थका देता है, बल्कि मानसिक थकान, चिड़चिड़ापन और एकाग्रता की कमी जैसी समस्याओं को भी जन्म देता है। ऐसे में डिजिटल फास्टिंग एक मानसिक विश्राम की तरह काम करता है।

❤️ डिजिटल फास्टिंग के फायदे:
✅ रिश्तों में नज़दीकी बढ़ती है – एक-दूसरे से बात करने का समय मिलता है।
✅ मानसिक तनाव कम होता है – लगातार स्क्रीन देखने से जो दबाव दिमाग पर बनता है, वह कम हो जाता है।
✅ नींद की गुणवत्ता सुधरती है – स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को बाधित करती है।
✅ फोकस और प्रोडक्टिविटी में सुधार – जब distractions कम होते हैं, तो काम में मन लगता है।
✅ खुद को समझने और समय देने का अवसर – जब आप सोशल मीडिया से हटते हैं, तो अपने अंदर झाँकने का मौका मिलता है।

🕰️ कैसे करें डिजिटल फास्टिंग की शुरुआत?
🔸 शुरुआत छोटे कदमों से करें – हर दिन 1–2 घंटे फोन से दूरी बनाएं।
🔸 हफ्ते में एक दिन ‘नो फोन डे’ रखें – इस दिन सोशल मीडिया या OTT से पूरी तरह दूरी बनाएं।
🔸 रात में सोने से कम से कम 1 घंटा पहले फोन बंद कर दें।
🔸 स्क्रीन टाइम ट्रैकर ऐप्स की मदद से अपने उपयोग की निगरानी करें।
🔸 बाहर टहलने जाएं, किताबें पढ़ें, परिवार के साथ समय बिताएं।

डिजिटल डिवाइसेज़ हमारी ज़िंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन जब यही ज़िंदगी पर हावी होने लगें तो ब्रेक लेना ज़रूरी हो जाता है। डिजिटल फास्टिंग न केवल आपकी मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाती है, बल्कि आपको फिर से रियल लाइफ से जोड़ती है। इसलिए समय-समय पर अपने आप को रीचार्ज करने के लिए डिजिटल डिटॉक्स ज़रूर अपनाएं।

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