
हवाई यात्राओं के दौरान होने वाली दुर्घटनाएं अक्सर सैंकड़ों जानें लील जाती हैं। लेकिन अब इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल हुई है। यूक्रेन के एक इंजीनियर ने ऐसा डिज़ाइन तैयार किया है जिसमें आपात स्थिति आने पर एयरक्राफ्ट का पैसेंजर केबिन मुख्य विमान से अलग हो जाएगा और सुरक्षित लैंडिंग कर सकेगा।
क्या है यह इनोवेटिव डिज़ाइन?
इस इनोवेटिव आइडिया के तहत, फ्लाइट के इमरजेंसी मोड में जाते ही यात्री कैबिन मुख्य बॉडी से अलग होकर पैराशूट की सहायता से नीचे उतरेगा। नीचे उतरते समय केबिन में फुलाए जाने वाले एयरबैग्स लगे होंगे, जिससे ज़मीन या पानी पर गिरने की स्थिति में झटका कम लगेगा और यात्री सुरक्षित रहेंगे।
कैसे काम करेगा सिस्टम?
- विंग्स और इंजन एयरक्राफ्ट के मुख्य ढांचे में होंगे, जबकि पैसेंजर केबिन एक मॉड्यूल के रूप में उससे जुड़ा रहेगा।
- आपातकाल आने पर केबिन ऑटोमैटिक रिलीज हो जाएगा।
- इसके साथ बड़े पैराशूट्स और शॉक-एब्जॉर्बिंग सिस्टम एक्टिवेट हो जाएंगे।
- यह केबिन ज़मीन या पानी दोनों पर सुरक्षित लैंडिंग कर सकेगा।
क्यों है यह तकनीक खास?
- हर साल सैकड़ों विमान हादसों में हज़ारों जानें जाती हैं।
- अब तक प्लेन के सभी हिस्सों के साथ क्रैश होने पर यात्रियों के बचने की संभावना बहुत कम होती है।
- यह डिज़ाइन यात्रियों की जान बचाने की संभावना को कई गुना बढ़ा सकता है।
क्या है चुनौतियां?
- इस तकनीक को वाणिज्यिक विमानों में लागू करने में काफी खर्च और तकनीकी बदलाव की ज़रूरत होगी।
- विमान का वज़न और ईंधन खपत बढ़ सकती है।
- एयरलाइंस कंपनियों को इसके लिए नई सुरक्षा ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करना होगा।
भविष्य की उम्मीद
यह डिज़ाइन अभी कॉन्सेप्ट स्तर पर है, लेकिन विशेषज्ञ इसे एविएशन इंडस्ट्री की गेम-चेंजर खोज मान रहे हैं। अगर इसे व्यवहार में उतार लिया गया, तो यह तकनीक भविष्य की हवाई यात्रा को पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित बना सकती है।