
उत्तराखंड के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। अब आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में भी मिलने जा रहा है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस महत्वाकांक्षी योजना को ग्राम स्तर तक प्रभावी बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है।
हर गांव में मिलेगी मुफ्त इलाज की सुविधा
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने प्रदेश भर के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद ग्रामीण इलाकों में रहने वाले कार्डधारकों को अपने ही गांव या नजदीकी क्षेत्र में निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी। अब लोगों को इलाज के लिए शहर या दूरदराज के अस्पतालों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रीना जोशी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, “हमारा लक्ष्य है कि हर आयुष्मान कार्डधारी तक योजना का लाभ पहुंचे, और इसके लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को इस योजना से जोड़ना ज़रूरी है।” उन्होंने कहा कि जैसे उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू है और वहां के लाभार्थी इसका भरपूर लाभ ले रहे हैं, उसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी इस व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
प्रदेश में कितने केंद्र होंगे सूचीबद्ध?
राज्य में कुल 614 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और 83 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) हैं। वर्तमान में इनमें से केवल 59 CHC ही आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध हैं। बाकी केंद्रों को भी जल्द ही इस योजना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जिलेवार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या:
- अल्मोड़ा – 65
- बागेश्वर – 29
- चमोली – 39
- चंपावत – 18
- देहरादून – 62
- हरिद्वार – 40
- नैनीताल – 51
- पौड़ी गढ़वाल – 93
- पिथौरागढ़ – 53
- रुद्रप्रयाग – 38
- टिहरी – 54
- उधम सिंह नगर – 40
- उत्तरकाशी – 32
इन सभी जिलों के PHC को अब आयुष्मान योजना के अंतर्गत लाया जाएगा ताकि प्रदेश का कोई भी पात्र नागरिक स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रह जाए।
जल्द शुरू होगा प्रशिक्षण
रीना जोशी ने यह भी बताया कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी केंद्रों के कर्मचारियों को आयुष्मान योजना से जुड़ा विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद इन केंद्रों को सूचीबद्ध किया जाएगा और सॉफ्टवेयर और तकनीकी ढांचा भी तैयार किया जाएगा ताकि योजना के तहत आने वाले मरीजों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कैशलेस इलाज और डेटा मैनेजमेंट आसानी से हो सके।
“एक भी लाभार्थी छूटे नहीं”— सरकार की प्राथमिकता
राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी पात्र नागरिक योजना के लाभ से वंचित न रहे, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। सीईओ ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज़ों के ज़रिए पात्रता सुनिश्चित कर हर नागरिक को योजना से जोड़ा जाए।उत्तराखंड सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में मददगार साबित होगी, बल्कि यह ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए भी एक मजबूत आधार बनेगी। आने वाले समय में जब PHC और CHC आयुष्मान योजना से पूरी तरह जुड़ जाएंगे, तब उत्तराखंड देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां प्राथमिक स्तर पर भी विश्वसनीय और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध होगी।