चारधाम यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब, अब तक 32 लाख श्रद्धालु कर चुके दर्शन

उत्तराखंड में चल रही चारधाम यात्रा इस बार हर साल के रिकॉर्ड को तोड़ती नजर आ रही है। अब तक करीब 32 लाख तीर्थयात्री चारधामों के दर्शन कर चुके हैं, और इस आंकड़े में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस धार्मिक यात्रा के साथ ही श्रद्धालु अब राज्य के अन्य प्रमुख मंदिरों और तीर्थ स्थलों की ओर भी रुख कर रहे हैं, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियां भी तेज़ हो रही हैं।

तीर्थ यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या

2024 के चारधाम यात्रा सीजन में अब तक 44 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं, जिनमें से लगभग 32 लाख तीर्थयात्री यात्रा पूरी कर चुके हैं। आंकड़ों पर नज़र डालें तो:

  • केदारनाथ धाम के लिए 14,43,513 पंजीकरण हुए,
  • बदरीनाथ धाम के लिए 13,36,923 पंजीकरण,
  • गंगोत्री धाम के लिए 7,80,554 पंजीकरण,
  • यमुनोत्री धाम के लिए 7,13,456 पंजीकरण,
  • वहीं हेमकुंड साहिब के लिए 1,69,180 पंजीकरण दर्ज हुए।

इन आंकड़ों से साफ है कि चारधाम यात्रा मार्ग पर इस बार श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है, जो कोविड-19 महामारी के बाद पर्यटन और तीर्थाटन के पुनरुद्धार का स्पष्ट संकेत है।

अन्य तीर्थ स्थलों में भी दिखा उत्साह

चारधामों के साथ-साथ राज्य के अन्य प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में भी तीर्थयात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है।

  • रुद्रप्रयाग जिले के प्रसिद्ध कार्तिक स्वामी मंदिर में इस वर्ष मई माह तक 57,863 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं, जबकि 2021 में यह संख्या मात्र 15,735 थी। 2024 में यह आंकड़ा 2,28,837 तक पहुंच चुका था।
  • जागेश्वर धाम में 15 जून तक 56,423 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जो यह दर्शाता है कि चारधाम के अतिरिक्त स्थलों पर भी तीर्थयात्रियों का भरोसा और आस्था लगातार बढ़ रही है। 2024 में यहां कुल 2,08,073 लोग दर्शन को पहुंचे थे।

पर्यटन के साथ आर्थिक प्रभाव

तीर्थ स्थलों पर लगातार बढ़ती भीड़ ने स्थानीय व्यवसायों को नई ऊर्जा दी है। होटलों, रेस्टोरेंट्स, टैक्सी सेवाओं, स्थानीय दुकानदारों और गाइड्स को अधिक अवसर मिल रहे हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार और आमदनी के नए रास्ते खुल रहे हैं। चारधाम मार्ग की तर्ज पर अब अन्य धार्मिक स्थलों पर भी बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की आवश्यकता और संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

सीएम धामी की पहल और सरकार का विजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार न केवल चारधाम यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के प्रयास कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने अन्य धार्मिक स्थलों के प्रचार-प्रसार पर भी जोर दिया है। सरकार का उद्देश्य है कि छोटे लेकिन ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मंदिरों को यात्रा नक्शे पर प्रमुखता दी जाए, ताकि इन क्षेत्रों में स्थानीय पर्यटन को गति मिले और आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके। चारधाम यात्रा 2024 सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राज्य की सामाजिक और आर्थिक ऊर्जा का प्रतीक बन गई है। लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति न केवल उत्तराखंड की धार्मिक विरासत को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि राज्य कैसे धार्मिक पर्यटन को आर्थिक समृद्धि में बदल रहा है। आने वाले समय में यदि अन्य तीर्थ स्थलों का भी इसी प्रकार विकास होता रहा, तो उत्तराखंड निश्चित रूप से भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में और अधिक सशक्त होकर उभरेगा।

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