बदरीनाथ मार्ग पर पातालगंगा में बड़ा हादसा, पहाड़ी से गिरा पत्थर बना मौत का कारण

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के चलते पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। सोमवार सुबह चमोली जनपद में बदरीनाथ हाईवे पर पातालगंगा क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसमें एक चलती कार के ऊपर अचानक चट्टान से बड़ा पत्थर गिर गया, जिससे कार सवार महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका पति और बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए

हादसे की सूचना मिलते ही राहत टीम मौके पर पहुंची

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग और एसडीआरएफ की टीम तुरंत घटनास्थल पर रवाना हो गई। मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य प्रारंभ किया गया और घायल पिता-पुत्री को तत्काल पीपलकोटी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हादसा सुबह के समय हुआ, जब परिवार अपनी कार में सफर कर रहा था।


हरियाणा की रहने वाली थी मृतक महिला

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक महिला हरियाणा राज्य की निवासी थी और परिवार के साथ संभवतः चारधाम यात्रा अथवा निजी यात्रा पर उत्तराखंड आई हुई थी। बारिश के चलते पहाड़ियों से मलबा और बोल्डर गिरने की घटनाएं आम हो जाती हैं, और पातालगंगा क्षेत्र भू-स्खलन के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है

हाईवे पर जगह-जगह मलबा, आवाजाही बनी खतरनाक

घटना स्थल के आसपास के क्षेत्रों में रविवार देर शाम से ही भारी बारिश का सिलसिला जारी है। बारिश के चलते बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह मलबा और पत्थरों के गिरने की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। प्रशासन की ओर से हाईवे पर अलर्ट जारी किया गया है और यात्रियों से अपील की गई है कि वे बिना अनुमति या जानकारी के संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा न करें।


प्रशासन ने जारी की यात्रा सावधानी की अपील

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने लोगों से आग्रह किया है कि मौसम विभाग की चेतावनियों और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के दौरान पहाड़ी मार्गों पर यात्रा जोखिम भरी हो सकती है, इसलिए आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें और सुरक्षित मार्गों का ही चयन करें। साथ ही, प्रशासन द्वारा सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और बचाव टीमों की तैनाती की जा रही है। बदरीनाथ हाईवे पर हुआ यह हादसा न सिर्फ मानसून की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में सतर्कता और सुरक्षा उपाय कितने आवश्यक हैं। प्रशासन द्वारा जारी किए गए अलर्ट को गंभीरता से लेने और मौसम संबंधी जानकारी के बिना यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है। इस हादसे ने एक बार फिर राज्य की मानसून सुरक्षा तैयारियों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।

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