
उत्तराखंड के चमोली जिले में मौसम ने एक बार फिर संकट खड़ा कर दिया है। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पीपलकोटी के समीप भनेरपानी और पागलनाला के पास भारी भूस्खलन की वजह से हाईवे दोबारा बंद हो गया है। रविवार देर रात से जारी मूसलधार बारिश के कारण पहाड़ियों से लगातार मलबा गिर रहा है, जिससे बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर गए तीर्थयात्रियों के वाहनों को हाईवे के दोनों ओर रोक दिया गया है।हालांकि सोमवार सुबह करीब नौ बजे तक मलबा हटाकर हाईवे को अस्थायी रूप से खोल दिया गया था, लेकिन फिर सुबह 10:30 बजे एक बार फिर भारी मलबा गिरने से रास्ता बंद हो गया। प्रशासन और एनएचआईडीसीएल की ओर से रात से ही मार्ग को साफ करने का काम युद्ध स्तर पर जारी था। सुबह सात बजे से मलबा हटाने की कार्रवाई शुरू की गई, लेकिन पहाड़ से लगातार गिरते मलबे ने राहत कार्यों को बाधित कर दिया।जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने जानकारी दी कि मार्ग को खोलने के प्रयास जारी हैं, लेकिन बारिश और मलबा गिरने की तीव्रता को देखते हुए जोखिम लगातार बना हुआ है। इस मार्ग पर हर वर्ष बरसात में भूस्खलन की घटनाएं होती हैं। पिछले छह महीनों से एनएचआईडीसीएल द्वारा इस क्षेत्र में हाईवे सुधारीकरण कार्य भी किया जा रहा है, लेकिन अत्यधिक वर्षा से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है।
बारिश के बाद बढ़ा नदियों का जलस्तर, कई सड़कें बंद
चमोली जिले में रविवार देर शाम से लगातार हो रही भारी बारिश सोमवार सुबह तक जारी रही। इस वजह से अलकनंदा नदी का जलस्तर 952.80 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान 957.42 मीटर से कुछ ही नीचे है। वहीं, नंदाकिनी नदी 867.70 मीटर पर बह रही है, जबकि इसका खतरे का निशान 871.50 मीटर है। पिंडर नदी का जलस्तर भी 768.75 मीटर तक पहुंच चुका है, जबकि खतरे की सीमा 773 मीटर तय की गई है।बारिश के कारण जिले की कई प्रमुख सड़कों पर आवाजाही प्रभावित हुई है। नंदप्रयाग-नंदानगर सड़क कांडई पुल के पास बंद हो गई है। इसके अलावा ज्योतिर्मठ-औली, कर्णप्रयाग-गैरसैंण-पांडुवाखाल, ज्योतिर्मठ-मलारी-नीती और सिमली-थराली-ग्वालदम हाईवे जैसे प्रमुख मार्गों पर आवागमन फिलहाल सुरक्षित बना हुआ है।
बारिश के आँकड़े: चमोली में सबसे अधिक वर्षा
पिछले 24 घंटों में चमोली तहसील में सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई है। यहां 93.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। अन्य क्षेत्रों में भी बारिश के आँकड़े इस प्रकार रहे: गैरसैंण में 20 एमएम, पोखरी में 5 एमएम, ज्योतिर्मठ में 10.40 एमएम, थराली में 2.5 एमएम और नारायणबगड़ में 22 एमएम।प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम की ताजा जानकारी पर नजर रखें। एसडीआरएफ और पुलिस बल मौके पर तैनात हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।