
2025 के विधानसभा उपचुनाव में देश के चार राज्यों की पांच सीटों पर मतगणना का सिलसिला तेज़ी से जारी है और अब तक के नतीजों में विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। 19 जून को पंजाब की लुधियाना वेस्ट, पश्चिम बंगाल की कालिगंज, केरल की निलाम्बुर, गुजरात की विसावदर और कादी सीटों पर मतदान हुआ था। अब तक आए रुझानों और परिणामों में ‘इंडिया गठबंधन’ के लिए राहत की खबर है।
📍 पंजाब में AAP ने लहराया परचम
लुधियाना वेस्ट सीट से AAP उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने 35,179 वोटों के साथ जीत हासिल की। कांग्रेस के भारत भूषण 24,542 वोटों के साथ दूसरे और बीजेपी के जीवन गुप्ता 20,323 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे। यह सीट आम आदमी पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय थी और उन्होंने यहाँ अपनी पकड़ साबित की।
📍 गुजरात में AAP की एंट्री, BJP को मिली कड़ी टक्कर
गुजरात की विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी के गोपाल इटालिया ने 75,942 वोटों के साथ भारी जीत दर्ज की, जबकि बीजेपी के कीर्ति पटेल 58,388 और कांग्रेस के नितिन मदनप्रिय 5,501 वोटों के साथ पीछे रहे। इस सीट से AAP को गुजरात में एक नई उम्मीद मिली है। वहीं, कादी सीट पर बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र कुमार छाबड़ा ने 99,742 वोटों से जीत दर्ज की। कांग्रेस के रमेशभाई छाबड़ा को 60,290 और AAP के जगदीशभाई छाबड़ा को सिर्फ 3,090 वोट मिले।
📍 केरल में कांग्रेस की वापसी
केरल की निलाम्बुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी आर्यदान शौकत ने 10,928 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 77,087 वोट मिले जबकि CPI(M) के एम. स्वराज को 66,159 वोट मिले। 9 वर्षों से विधायक रहे पीवी अनवर इस बार निर्दलीय चुनाव लड़े लेकिन महज़ 19,000 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस ने इस जीत को राज्य सरकार के खिलाफ जनादेश बताया है।
📍 बंगाल में TMC की मजबूती
पश्चिम बंगाल की कालिगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अलिफा अहमद ने बीजेपी उम्मीदवार आशीष घोष को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया। कांग्रेस के काबिलउद्दीन शेख तीसरे स्थान पर रहे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बढ़त पर खुशी जाहिर की और जनता का धन्यवाद किया।
📍 जनता का रुख साफ, BJP को चेतावनी
इन उपचुनावों के परिणाम बताते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मतदाता सत्ताधारी पार्टी से अलग विकल्प की ओर रुख कर रहे हैं। गुजरात जैसे राज्यों में AAP की जीत और केरल व पंजाब में कांग्रेस और AAP की वापसी इस बात का संकेत है कि ‘इंडिया गठबंधन’ लोगों के बीच अपनी जगह बना रहा है।