
उत्तराखंड के हल्द्वानी में बुधवार की सुबह एक हृदयविदारक हादसा हुआ जिसने पूरे क्षेत्र को गमगीन कर दिया। एक परिवार, जो सुशीला तिवारी अस्पताल से डिलीवरी के बाद अपने घर किच्छा लौट रहा था, उनकी कार अचानक अनियंत्रित होकर मंडी समिति गेट के सामने कैनाल नहर में गिर गई। यह दर्दनाक हादसा सुबह करीब 7 बजे हुआ।कार में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें नवजात बच्चा, उसकी मां, पिता और अन्य परिजन शामिल थे। कार जैसे ही नहर में गिरी, तेज बहाव ने पूरे वाहन को अपने में समेट लिया। मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों और राहगीरों ने तत्काल सूचना पुलिस और फायर स्टेशन को दी।फायर ब्रिगेड की टीम ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। फायर स्टेशन के पीछे हुई इस घटना के दौरान एक फायर कर्मी भी बहाव में बह गया, लेकिन बहादुरी दिखाते हुए उसने न केवल कार चालक को बचाया बल्कि खुद भी किसी तरह अपनी जान बचाई।इस भीषण हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जिनमें तीन दिन पहले जन्मा नवजात शिशु भी शामिल था। यह बच्चा अभी घर भी नहीं पहुंचा था कि उससे जीवन छिन गया। मृतकों में नवजात के पिता और परिवार के दो अन्य सदस्य भी शामिल हैं। वहीं, कार में सवार महिला – नवजात की मां – गंभीर रूप से घायल हुई है लेकिन उसकी जान बच गई है। फिलहाल दो घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।यह घटना उस समय हुई जब परिवार अस्पताल से खुशी-खुशी लौट रहा था। बच्चे के जन्म की खुशी पलभर में मातम में बदल गई। नवजात की मौत ने जहां हर किसी की आंखें नम कर दीं, वहीं एक ही परिवार के चार लोगों की असामयिक मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डुबो दिया।फिलहाल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने भी घटनास्थल का मुआयना किया और दुख जताया है।इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक हमारी सड़कें और पुलों के आसपास की संरचनाएं ऐसी खामियों से भरी रहेंगी, जो जिंदगियों को निगलती रहेंगी।