
उत्तराखंड में संक्रमणों का खतरा एक बार फिर गहराने लगा है। ताजा जानकारी के अनुसार प्रदेश में कोरोना के तीन नए मामले सामने आए हैं, जिनमें दो मरीज देहरादून के सहसपुर क्षेत्र से हैं जबकि एक हरिद्वार का रहने वाला है। राहत की बात यह है कि सभी संक्रमित होम आइसोलेशन में हैं और किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं है।राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह ने बताया कि अब तक प्रदेश में कोरोना के कुल 76 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 63 मरीज स्थानीय निवासी हैं, जबकि 13 मामले माइग्रेंट यानी बाहरी लोगों के हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में फैला कोरोना वायरस पहले की तुलना में कम संक्रामक है और अब तक किसी भी मरीज में गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। इसके बावजूद उन्होंने जनता से अपील की कि वे सतर्कता बरतें और कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और भीड़ से दूरी बनाए रखना जैसे उपायों को अपनाएं ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।दूसरी ओर, देहरादून में डेंगू के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को डेंगू के चार नए मरीज सामने आए, जिनमें से तीन मरीज श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल में और एक हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती है। देहरादून जिले में अब तक डेंगू के कुल 133 मामले रिपोर्ट हो चुके हैं। इनमें से 71 मरीज देहरादून से हैं जबकि 62 मरीज अन्य जिलों से आए हैं। अच्छी खबर यह है कि अब तक 113 मरीज डेंगू से स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में जिले में 20 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से दस मरीज श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल, चार हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट, चार एम्स ऋषिकेश और एक ग्राफिक एरा अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि एक मरीज होम आइसोलेशन में है।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग आशा कार्यकर्ताओं और डेंगू वालंटियर्स के साथ मिलकर युद्धस्तर पर काम कर रहा है। मंगलवार को 12090 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 83 घरों में डेंगू के लार्वा मिले। इसके अतिरिक्त, 91425 पानी से भरे कंटेनरों की जांच की गई, जिनमें से 111 कंटेनरों में लार्वा पाया गया और उन्हें मौके पर ही नष्ट कर दिया गया।डॉ. शर्मा ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए लगातार जनजागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और लोगों को पानी जमा न होने देने, कूलर व टंकी की नियमित सफाई करने और लार्वा रोधी दवा का छिड़काव करने की सलाह दी जा रही है। साथ ही जिन इलाकों में लार्वा मिले हैं, वहां फॉगिंग और एंटी लार्वल गतिविधियां भी तेज कर दी गई हैं।स्वास्थ्य विभाग की इन दोनों संक्रमणों को लेकर अपील है कि लोग लापरवाही न बरतें, अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाते रहें, ताकि किसी भी संक्रमण की स्थिति में समय रहते इलाज किया जा सके।