
चीन के किंगदाओ में चल रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक के इतर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव से द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें भारत और रूस के बीच चल रही प्रमुख सैन्य परियोजनाओं को लेकर गंभीर चर्चा हुई। बैठक में खासतौर पर एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी, एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के अपग्रेड और अन्य प्रमुख सैन्य हार्डवेयर की समय-सीमा में आपूर्ति को लेकर विचार-विमर्श किया गया।भारत के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मुलाकात में दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों ने वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य, सीमा पार आतंकवाद, रक्षा उत्पादन सहयोग, और तकनीकी उन्नयन जैसे अहम विषयों को छुआ। इसके साथ ही दोनों नेताओं ने वायु रक्षा प्रणालियों, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और हवाई प्लेटफॉर्मों की क्षमताओं में सुधार जैसे बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत की।रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव ने भारत-रूस के दशकों पुराने सामरिक संबंधों की सराहना करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस घटना को “कायराना और भयावह” करार देते हुए भारत के साथ एकजुटता प्रकट की।राजनाथ सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर बैठक की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “किंगदाओ में SCO रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोसोव से मिलकर खुशी हुई। हमने भारत-रूस रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर गहन विचार-विमर्श किया।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह हाल के समय की सबसे अहम बैठकों में से एक रही है।बैठक में एक और रोचक पहलू रहा जब राजनाथ सिंह ने SCO मंच पर एक साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। वजह यह थी कि उस बयान में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले का कोई ज़िक्र नहीं किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। भारत ने इसपर कड़ा रुख अपनाते हुए संकेत दिया कि आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे पर समझौता नहीं किया जाएगा।इसके अलावा, रक्षा मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की और प्रतीकात्मक रूप से उन्हें मधुबनी पेंटिंग भेंट की। बैठक सौहार्दपूर्ण रही, हालांकि भारत ने स्पष्ट शब्दों में यह भी कहा कि क्षेत्रीय तनाव कम करने के लिए चीन को चार विकल्प सुझाए गए हैं, जिन पर आगे बातचीत जारी रहेगी।यह SCO बैठक भारत के लिए इसलिए भी खास रही क्योंकि इसमें भारत ने एक बार फिर आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति और रक्षा स्वावलंबन (Aatmanirbharta) की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दिखाई।