
देहरादून-दिल्ली हाईवे पर आशारोड़ी से मोहंड के बीच लगातार बन रही जाम की स्थिति से यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गुरुवार सुबह एक बार फिर इस व्यस्त मार्ग पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई जब सहारनपुर से देहरादून की ओर आ रहा एक भारी कंटेनर मोहंड के पास मोड़ काटते वक्त बीच सड़क में फंस गया। देखते ही देखते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और करीब पांच से छह किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
कंटेनर में थीं कारें, मोड़ पर फंसते ही जाम की शुरुआत
कंटेनर में कई कारें लदी थीं। जब वह मोहंड के निकट एक तीखे मोड़ पर पहुंचा तो वाहन असंतुलित होकर इस तरह फंस गया कि वह न आगे बढ़ सका और न पीछे। संकरी सड़क और ट्रैफिक के दबाव के बीच इस भारी वाहन के फंसने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया। कुछ ही मिनटों में हाईवे दोनों दिशाओं से पूरी तरह जाम हो गया।
पुलिस के वाहन भी फंसे, डाट काली मंदिर तक पहुंचा जाम
जैसे ही कंटेनर के फंसने की सूचना मिली, क्लेमेंटाउन थाने के प्रभारी मोहन सिंह व यातायात सीओ जगदीश चंद पुलिस बल के साथ मौके पर रवाना हुए, लेकिन जाम इतना अधिक था कि पुलिस की गाड़ियां भी डाट काली मंदिर के पास फंस गईं। तत्काल स्थिति को देखते हुए देहरादून पुलिस ने यूपी पुलिस से संपर्क किया और संयुक्त प्रयास से फंसे कंटेनर को हटाने की कोशिश शुरू की गई।इस दौरान वाहनों को वैकल्पिक रूप से आशारोड़ी एक्सप्रेस-वे की ओर मोड़ा गया ताकि जाम का दबाव कुछ कम हो सके। दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कंटेनर को हटाया जा सका और धीरे-धीरे यातायात बहाल हुआ।
कंटेनर हटने के बाद भी घंटों तक राहत नहीं
हालांकि कंटेनर को हटाने के बाद भी हाईवे पर सामान्य स्थिति आने में एक घंटे से अधिक का समय लग गया। कई वाहन चालक जो सुबह से ही जाम में फंसे थे, दो से तीन घंटे बाद अपने गंतव्य तक पहुंच सके। जाम खुलने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
हाईवे बना जाम का हॉटस्पॉट, एक हफ्ते में कई घटनाएं
गौरतलब है कि चारधाम यात्रा और पर्यटक सीजन के चलते उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से भारी संख्या में वाहन पहुंच रहे हैं, जिससे हाईवे पर दबाव अत्यधिक बढ़ गया है। यही वजह है कि आशारोड़ी से मोहंड के बीच का stretch अब आए दिन ट्रैफिक जाम का केंद्र बन गया है।पिछले एक सप्ताह में इस मार्ग पर तीन बार अलग-अलग घटनाओं के चलते जाम लग चुका है—कभी भारी वाहन का खराब होना, कभी सड़क हादसा और कभी वाहन में आग लगना। पुलिस विभाग इस स्थिति से निपटने के लिए भारी वाहनों को डाट काली मंदिर से आगे रोकने का प्रयास करता है, लेकिन इससे जाम और भी अधिक बढ़ जाता है।
निष्कर्ष: स्थायी समाधान की जरूरत
देहरादून-दिल्ली हाईवे राज्य के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है, जो न केवल चारधाम यात्रा बल्कि रोज़मर्रा के व्यापार और आवाजाही की जीवनरेखा है। लगातार लग रहे जाम से आम जनता, पर्यटक और व्यापारी सभी प्रभावित हो रहे हैं। अब आवश्यकता है कि शासन-प्रशासन इस मार्ग की ट्रैफिक मैनेजमेंट रणनीति पर पुनर्विचार करे और स्थायी समाधान लाए।