आपदा में सतर्कता की परीक्षा: हरिद्वार सहित पांच जिलों में मॉक ड्रिल, गंगा से युवक को निकाल पेश की रेस्क्यू मिसाल

उत्तराखंड में मानसून के सक्रिय होते ही बाढ़ और जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। लगातार हो रही बारिश को ध्यान में रखते हुए राज्य के मैदानी जिलों — देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चंपावत और नैनीताल — में मॉक ड्रिल आयोजित की गई, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में राहत और बचाव कार्यों की तत्परता को परखा जा सके। इन मॉक ड्रिल्स के जरिए जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन टीमें, जल पुलिस, और मेडिकल स्टाफ की तैयारियों की व्यापक समीक्षा की गई।हरिद्वार के श्यामपुर गंगा घाट पर आयोजित मॉक ड्रिल में एक काल्पनिक आपदा स्थिति का निर्माण किया गया, जिसमें एक युवक को गंगा की तेज धारा में बहते हुए दिखाया गया। इस पर एसडीआरएफ, जल पुलिस, और मेडिकल टीमों ने तत्काल एक्शन लेते हुए युवक को रेस्क्यू किया और उसे सुरक्षित किनारे लाकर प्राथमिक उपचार दिया गया। यह मॉक ड्रिल वास्तविक आपदा की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देने की क्षमता और समन्वय को परखने के लिए आयोजित की गई थी।इसी क्रम में हरिद्वार के विष्णुघाट पर भी पुलिस और प्रशासन की टीमों ने मिलकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया। पहाड़ों में हो रही भारी बारिश के कारण नदियों में सिल्ट की मात्रा बढ़ गई है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए यूपी सिंचाई विभाग ने भीमगोडा बैराज से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा सीमित कर दी है। हर की पैड़ी और अन्य घाटों पर सिर्फ उतना ही पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे श्रद्धालु आचमन और स्नान कर सकें।हालांकि प्रशासन ने चेतावनी दी है कि कुछ लोग जोखिम उठाकर गंगा के बीचोंबीच जाकर सोशल मीडिया के लिए वीडियो और रील बना रहे हैं, जो गंभीर दुर्घटनाओं को न्योता दे सकते हैं। गंगा का जलस्तर फिलहाल 293 मीटर तक पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान के करीब है। ऐसे में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है।प्रदेशभर में भारी बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और मलबा आने की घटनाएं भी सामने आई हैं। अब तक 179 सड़क मार्ग बंद हो चुके हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है। इन रास्तों को खोलने के लिए लगातार जेसीबी और राहत दल तैनात किए गए हैं।राज्य सरकार ने संबंधित विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं और ज़िला स्तर पर नियंत्रण कक्ष सक्रिय कर दिए गए हैं। चारधाम यात्रा पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है और मौसम के आधार पर यात्रा मार्गों की स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home1/theindi2/public_html/wp-includes/functions.php on line 5464