
उत्तराखंड में मानसून के सक्रिय होते ही चारधाम यात्रा मार्गों पर खतरे की संभावना बढ़ गई है। विशेष रूप से उत्तरकाशी जनपद में गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्गों व राज्य मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं आम होती जा रही हैं। ऐसे में चारधाम यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।अब उत्तरकाशी ज़िले के सभी पुलिस बैरियरों पर रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। यह प्रतिबंध मानसून सीजन और बढ़ती भूस्खलन की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लगाया गया है। इस आदेश का पालन गंगोत्री, यमुनोत्री हाईवे सहित सभी राज्य व संपर्क मार्गों पर भी किया जाएगा।
किन वाहनों को मिलेगी छूट?
प्रशासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, केवल एंबुलेंस, आपातकालीन सेवा से जुड़े वाहन, सैन्य व अर्द्धसैनिक बलों के वाहन ही इस अवधि में यात्रा कर सकेंगे। बाकी किसी भी प्रकार के निजी, व्यवसायिक या स्थानीय वाहन को इस दौरान चलने की अनुमति नहीं होगी। स्थानीय नागरिकों को भी इस दौरान आवाजाही से परहेज करने को कहा गया है।
पुलिस बैरियर पर कड़ी निगरानी
उत्तरकाशी जनपद में कुल 6 पुलिस बैरियर हैं, जहां रात्री 9 बजे के बाद आने वाले सभी वाहनों को वहीं सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया जाएगा। प्रशासन का कहना है कि पिछले वर्षों में रात के समय भूस्खलन के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें जनहानि और संपत्ति का नुकसान हुआ। इसलिए इस बार सावधानी के साथ कड़ाई से नियमों का पालन कराया जाएगा।
आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क
जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने भी इस प्रतिबंध की पुष्टि करते हुए कहा है कि बारिश के दौरान अचानक भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं आम हो जाती हैं, जो रात के अंधेरे में और अधिक जानलेवा साबित हो सकती हैं। ऐसे में यह प्रतिबंध श्रद्धालुओं, स्थानीय निवासियों और ड्राइवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है। चारधाम यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और यात्रा की योजना इस आदेश को ध्यान में रखते हुए बनाएं। किसी भी आपात स्थिति में नजदीकी सहायता केंद्र, पुलिस पोस्ट या नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।