। उत्तराखंड के थराली तहसील में बीती रात भारी बारिश और टुनरी गदेरे में पानी बढ़ने के कारण बड़े पैमाने पर तबाही हुई। तहसील परिसर, चेपड़ो बाजार, कोटदीप बाजार और आसपास के कुछ घरों में मलबा घुस गया, जिससे घरों और वाहनों को काफी नुकसान पहुंचा। इस दौरान ग्राम संगवाड़ा में एक मकान में मलबा आने से एक युवती मलबे में दब गई, जिसका शव डीडीआरएफ थराली के जवानों ने रेस्क्यू करके बाहर निकाला। ग्राम चेपड़ो में एक व्यक्ति लापता है और प्रशासन उसकी खोज में जुटा हुआ है।
आपदा प्रभावितों के लिए पॉलिटेक्निक कुलसारी और शहीद भवानीदत्त इंटर कॉलेज चेपड़ो को रिलीफ सेंटर बनाया गया है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और रहने तथा खाने की उचित व्यवस्था करने में तेजी दिखाई। वाहन और अन्य संपत्ति प्रभावित होने के कारण कई लोगों को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने में विशेष प्रयास किए गए।

एसडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित भवनों और वाहनों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं। इसके साथ ही आईटीबीपी, एनडीआरएफ और डीडीआरएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला और मलबे में दबे पेड़ों और अन्य अवरोधों को हटाने का प्रयास किया।
रास्तों के तहस-नहस हो जाने के कारण राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आईं, लेकिन प्रशासन और जवानों ने परिस्थितियों का सामना करते हुए प्रभावितों तक मदद पहुंचाई। हरमनी से थराली तक कई सड़क मार्ग बंद हो गए हैं, जबकि कुछ दुकानों और भवनों को भारी नुकसान पहुंचा। मौके पर जेसीबी मशीनों और अन्य उपकरणों से मलबा हटाने का काम जारी है।
चमोली डीएम संदीप तिवारी ने थराली तहसील में आपदा की स्थिति का निरीक्षण किया और अधिकारियों व स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर राहत एवं बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करने का भरोसा दिया।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सांसद अनिल बलूनी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से थराली आपदा के पीड़ितों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और पुलिस मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि वे स्वयं स्थिति की गहन निगरानी कर रहे हैं और ईश्वर से सभी के सकुशल रहने की प्रार्थना की है।
इस आपदा ने थराली और आसपास के क्षेत्रों में जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। प्रशासन, सुरक्षा बल और बचाव टीमें लगातार प्रभावितों की मदद में जुटी हैं, ताकि नुकसान कम से कम हो और सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।