प्रवर्तन निदेशालय ने एक बार फिर शिवसेना सांसद संजय राउत को मुंबई की एक चॉल के पुनर्विकास में कथित अनियमितताओं और उनकी पत्नी और कथित सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को तलब किया है। वहीं, ईडी ने पात्रा चावल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना नेता संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर से मंगलवार को नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उद्धव ठाकरे खेमे के राज्यसभा सांसद राउत ने किसी भी गलत काम से इनकार किया था और आरोप लगाया था कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के कारण निशाना बनाया जा रहा है। राउत को एजेंसी के मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।
इस मामले में 1 जुलाई को उनसे पूछताछ की गई थी और उन्होंने जांच अधिकारी के साथ करीब 10 घंटे बिताये थे। इस दौरान पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज किया गया था। राउत ने बाहर निकलते समय संवाददाताओं से कहा कि मैंने पूरा सहयोग दिया और उनके सभी सवालों के जवाब दिए। अगर वे मुझे बुलाएंगे तो मैं फिर हाजिर होऊंगा। उन्होंने कहा कि वह इस दौरान निडर थे क्योंकि उन्होंने जीवन में कुछ भी गलत नहीं किया है।
उनसे पूछताछ ऐसे वक्त पर हुई है जब शिवसेना विद्रोह के कारण दोफाड़ हो गई है। जिसमें एक तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दूसरी तरफ वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। दोनों के बीच पार्टी के प्रतीक और संगठन के नियंत्रण को लेकर खींचतान चल रही है।