उत्तराखंड : UKSSSC फिर शुरू करेगा नई भर्तियां, सख्त किए प्रावधान

समूह-ग की भर्तियों में पेपर लीक का दाग लगने, सभी भर्तियां उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पास चली जाने के बाद अब उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) नए सिरे से नई भर्तियां शुरू करने के लिए तैयार है। आयोग ने इस बार पेपर लीक से बचने के लिए सख्त इंटरनल एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) और गाइडलाइन जारी की है। इसमें नकल रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए गए हैं।

यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय भर्ती, वन दरोगा, सचिवालय रक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर पेपर लीक का मामला सामने आया था। इस मामले में करीब 45 लोग सलाखों के पीछे जा चुके हैं। राज्य सरकार ने समूह-ग की प्रचलित 23 भर्तियों की जिम्मेदारी राज्य लोग सेवा आयोग को सौंप दी थी। इसके तहत राज्य लोक सेवा आयोग कैलेंडर जारी कर भर्तियां करा रहा है। इस बीच सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिम्मेदारी पूर्व आईपीएस जीएस मर्तोलिया को सौंप दी।

उन्होंने सभी पहलुओं की गहराई से जांच पड़ताल कर सुरक्षित परीक्षाओं के लिए सख्त इंटरनल एसओपी जारी कर दी है। मार्च से आयोग पुरानी रद्द परीक्षाओं के री-एग्जाम के साथ ही नई भर्तियों की विज्ञप्ति भी जारी करेगा। मर्तोलिया का कहना है कि तैयारी पूरी कर ली है, शासन स्तर से वार्ता हो चुकी है। सभी अधिकारियों से लेकर पेपर प्रकाशित करने वालों तक को इस एसओपी का पालन करना होगा। वहीं, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के सचिव जीएस रावत का कहना है कि फिलहाल वहीं भर्तियां कराई जा रही हैं, जिनकी जिम्मेदारी सरकार ने सौंपी थी।

प्री और मेन परीक्षा का प्रस्ताव शासन में लंबित
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बताया कि समूह-ग की भर्तियों को टू-टियर यानी प्री और मेन के तौर पर कराने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। यह अभी लंबित है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस प्रस्ताव पर शासन से वार्ता की जाएगी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा का कोई भी प्रस्ताव न तैयार हुआ और न ही शासन को भेजा गया है। सरकार से वार्ता के बाद ही कुछ तय हो पाएगा।

नकल अध्यादेश करेगा माफिया के हौसले पस्त
मर्तोलिया ने बताया कि यूकेएसएसएससी की पहल पर शासन में नकल अध्यादेश तैयार हो रहा है। इस कानून के लागू होने के बाद न केवल नकल माफिया बल्कि पेपर छापने वाली एजेंसी और एग्जाम में ड्यूटी करने वाले सरकारी अफसरों के लिए भी सख्त नियम होंगे। इससे माफिया के हौसले पस्त होंगे।

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