
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में यह स्पष्ट किया कि वह केंद्र सरकार की प्रमुख स्वास्थ्य योजना, आयुष्मान भारत योजना को राजधानी दिल्ली में लागू कर रही है। दिल्ली सरकार का यह बयान सुप्रीम कोर्ट में उस मामले की सुनवाई के दौरान आया, जिसमें आयुष्मान भारत योजना के कार्यान्वयन को लेकर कुछ विवाद उठाए गए थे।दिल्ली सरकार का कहना था कि यह योजना दिल्ली में शुरू की जा रही है, और इसके अंतर्गत गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएंगी। आयुष्मान भारत योजना, जिसे ‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ भी कहा जाता है, एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना है जो 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करती है।सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए दिल्ली सरकार के जवाब में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों के चयन और उन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए आवश्यक पहचान पत्र देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि वह इस योजना को राज्य में और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत, जिन गरीब परिवारों को इलाज की जरूरत है, उन्हें गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति पर असर न पड़े। इस योजना के तहत सरकारी और निजी दोनों तरह के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है, जो लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी।इससे पहले दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इस योजना को लागू करने को लेकर कुछ विवाद सामने आए थे, क्योंकि दिल्ली सरकार चाहती थी कि योजना को अपने तरीके से लागू किया जाए, जबकि केंद्र सरकार की ओर से कुछ निर्देश थे। अब इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही थी, और दिल्ली सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि वह योजना को लागू कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस मामले में और अधिक जानकारी मांगी और कहा कि इस योजना के तहत नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए।आयुष्मान भारत योजना के लागू होने से दिल्ली के लाखों नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच मिलेगी, खासकर उन लोगों को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिनके लिए निजी अस्पतालों में इलाज कराना महंगा होता है।दिल्ली सरकार ने यह भी कहा कि यह योजना दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र को सुधारने में मददगार साबित होगी और इससे राज्य में चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई की तारीख तय की है और इस मुद्दे पर जल्द ही एक अहम आदेश जारी करने की संभावना है।यह मामला दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और गरीबों के लिए सस्ती और प्रभावी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।