
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। राज्य में अवैध मदरसों के संचलन को लेकर मुख्यमंत्री ने उच्चस्तरीय अधिकारियों को आदेश दिया था कि अवैध रूप से चल रहे मदरसों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके बाद अब तक कुल 110 अवैध मदरसों को सील किया जा चुका है।सीएम धामी का कहना है कि राज्य की सुरक्षा, विकास और समाज की भलाई के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में सभी शैक्षिक संस्थाएं कानून के दायरे में काम करेंगी और यदि कोई संस्था इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उसे किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा।राज्य सरकार ने यह कार्रवाई उस समय शुरू की जब यह जानकारी सामने आई कि कई अवैध मदरसे बिना किसी मान्यता के चल रहे थे और इनकी गतिविधियां सुरक्षा की दृष्टि से चिंताजनक थीं। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर कड़ी चिंता जताई थी और अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई अवैध मदरसे पाए गए थे, जो न केवल शिक्षा के नाम पर अवैध रूप से काम कर रहे थे, बल्कि इनमें सुरक्षा और प्रशासनिक मानकों का भी पालन नहीं किया जा रहा था। इसके अलावा, इन मदरसों में बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा और प्रशिक्षण का कोई प्रमाणपत्र भी नहीं था, जिससे उनका भविष्य खतरे में था।धामी सरकार की इस कार्रवाई के बाद अब तक 110 मदरसों को सील कर दिया गया है और इन पर संबंधित अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों का पता चलता है, तो और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।राज्य के शिक्षा मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी इस कार्रवाई में पूरी तरह से शामिल हैं और उन्होंने कहा है कि अवैध मदरसों के संचालन को रोकने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इसके तहत राज्यभर में और भी मदरसों की जांच की जाएगी और सभी मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची तैयार की जाएगी।इस कदम को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के भी मिश्रित प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा ने इसे मुख्यमंत्री की सख्ती और राज्य की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के रूप में सराहा, वहीं विपक्षी दलों ने इसे एकतरफा कार्रवाई बताते हुए इसे राजनीतिक लाभ के लिए उठाया गया कदम बताया।हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से प्रशासनिक और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जरूरी बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखना है और इस तरह की गतिविधियों से निपटना प्राथमिकता में है।उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सरकार की कड़ी नीति और सुरक्षा की ओर बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।